स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग के लिहाज से एनडीएमसी के लिए साल 2020 बहुत अच्छा रहा। उसे न केवल राजधानी वाले शहरों में सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हासिल हुआ बल्कि एक से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरी निकायों में उसे तीसरा स्थान मिला है। यानि एनडीएमसी ने एक साल में अपने प्रदर्शन में 2 अंकों का सुधार किया है। पिछले साल इसका नंबर पांचवां था।
Covid-19 : अगस्त में भारत ने अमरीका को पीछे छोड़ा, अब Corona की रफ्तार सबसे बड़ी मुसीबत स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नगर निकयों में एनडीएमसी को सबसे अधिक अंक मिले हैं। इस बार केंद्र द्वारा छह हजार अंकों का चार जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इसमें एनडीएमसी को छह हजार में से 5193.27, उत्तरी निगम को 2169. 25, पूर्वी निगम को 1962.31, दक्षिणी निगम को 3422.27 अंक प्राप्त हुए हैं। दूसरी ओर एनडीएमसी को इस बार क्लीनेस्ट सिटी कैपिटल का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में 425 शहरी निकायों में एनडीएमसी को 5वां, पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 240, उत्तरी निगम को 282 और दक्षिणी निगम को 138वां स्थान मिला था। बीजेपी कब्जे वाली दिल्ली की तीनों नगर निकाय हर बार की तरह इस बार भी फिसड्डी साबित हुए हैं। सर्वे सूची में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में उत्तरी निगम को 43, दक्षिणी निगम को 31 और पूर्वी निगम को 46वां स्थान प्राप्त हुआ है। इससे एक बार फिर दिल्ली को साफ सुधरा रखने में नगर निकायों के दावे रखे रह गए।
सितंबर में खत्म होगा Delhi Metro का लॉकडाउन, 150 दिनों में डीएमआरसी उठा चुका है 1500 करोड का नुकसान इसी तरह स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले वर्ष के मुकाबले दिल्ली कैंट एक पायदान खिसक कर दूसरे स्थान पर पहुंचा है। पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली कैंट को पहला स्थान हासिल हुआ था। यही नहीं पिछले दो वर्षों से लगातार दिल्ली कैंट लगातार पहला स्थान पर काबिज था। इस बार पहले स्थान के लिए दिल्ली कैंट 26 नंबर से चूक गया। पहले स्थान पर जालंधर कैंट ने 3670 अंकों से बढ़त बना ली है।
दिल्ली कैंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसवीआर चंद्रशेखर ने कहा कि कैंट बोर्ड अच्छी रैंक प्राप्त करने वाले नगर निकायों के मॉडल को अपनाकर रैंकिंग में सुधार करेगा। वहीं, नागरिकों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।