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Maha Decision News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की जमानत याचिका ऐसा माना जा रहा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के दबाव के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घुटने टेक दिए हैं। उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को भीमा कोरेगांव प्रकरण की जांच केंद्र सरकार की जांच एजेंसी एनआईए को सौंपने के मामले पर यू-टर्न लिया है। अब यह जांच राज्य सरकार के एसआईटी से कराने की घोषणा की। उद्धव ने कहा कि भीमा कोरेगांव प्रकरण की जांच केंद्र के एनआईए को नहीं सौंपा गया है और ना ही सौंपा जाएगा । राज्य सरकार ही उक्त मामले की जांच कराएगी।
दरअसल, उद्धव सरकार की ओर से भीमा कोरेगांव मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) को सौंप दी गई थी। उद्धव सरकार के इस फैसले को लेकर शिवसेना और NCP में खींचतान भी शुरू हो गई थी। NCP ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से भीमा कोरेगांव केस की एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया था। शरद पवार की मौजूदगी में सोमवार को हुई एनसीपी के नेताओं की बैठक में एसआईटी ( SIT ) जांच कराने का फैसला लिया गया। यहां आपको बता दें कि पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपे जाने का विरोध किया था। लेकिन, बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी मंजूरी दे दी। इस पर शरद पवार नाराज हो गए थे। लेकिन, आज उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कहा कि भीमा कोरेगांव केस दलित लोगों से जुड़ा हुआ है और इस केस से जुड़ी जांच केन्द्र को नहीं सौंपी जाएंगी। इसे केन्द्र के हवाले नहीं किया जाएगा। केन्द्र को एलगार परिषद केस दिया गया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार दलित समाज के साथ है । उन पर किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देगी। ऐसे में भीमा कोरेगांव प्रकरण की जांच राज्य सरकार के एसआईटी से ही कराया जाएगा। जांच केंद्र सरकार को नहीं सौंपा जाएगा।
इससे पहले बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भेजने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद दिया था। फडणवीस ने कहा कि शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया। भीमा कोरेगांव मामले की जांच पुणे पुलिस से एनआईए को हस्तांतरित करने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस में कुछ लोगों का व्यवहार ( भीमा कोरेगांव जांच में शामिल ) आपत्तिजनक था।