भीमा कोरेगांव केस : सामाजिक कार्यकर्ता आनंद की सुनवाई 22 फरवरी तक स्थागित
राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही जांच
पुलिस का आरोप है कि इस सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था। तेलतुंबडे और नवलखा ने पिछले साल नवंबर में अग्रिम जमानत मांगते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। इससे पहले पुणे की एक सत्र अदालत ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। वहीं पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत याचिकाओं के निस्तारण की सुनवाई लंबित होने के चलते गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। हालांकि पहले इस मामले की जांच पुणे पुलिस कर रही थी, लेकिन पिछले महीने केंद्र सरकार ने इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी।