
supreme court
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन पर तैनात महिलाओं को स्थायी कमीशन में नियुक्त करने का आदेश दिया है। इसमें केवल उनको ही शामिल किया जाएगा जिन्होंने असेसमेंट में 60 फीसदी अंक हासिल किए है। सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अर्जी मत डालो, जो आदेश दिया गया है उसका पालन करो।
केंद्र सरकार को पिछले आदेश का पालन करना चाहिए
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार को हमारे पिछले आदेश के पालन के लिए जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिला सैन्यकर्मियों को स्थायी कमीशन में नियुक्त किया जाए। यह नियुक्त उन्हें मिलेगी जिन्होंने स्पेशल 5 सेलेक्शन बोर्ड के असेसमेंट में 60 फीसदी अंक हासिल किए हो। शीर्ष अदालत ने 25 मार्च को दिए अपने आदेश में किसी भी तरह के बदलाव की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया।
सरकार ने दाखिल की थी ये याचिका
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूछा था कि क्या 60 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल करने वालीं जो अफसर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रही हैं, उन्हें भी स्थायी कमीशन दिया जाए। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह फैसला आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल को करना है कि ऐसी महिला सैन्यकर्मियों को तैनाती मिलनी चाहिए या नहीं। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को आदेश में किसी भी तरह के बदलाव के लिए अर्जी नहीं दाखिल करनी चाहिए।
कोर्ट ने सेना के पैमाने को बताया 'बेतुके' और 'मनमाने'
आपको बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने 25 मार्च को इस पर अपना फैसला सुनाया था। जिसमें कहा गया था कि स्थायी कमीशन में महिलाओं की नियुक्ति को लेकर सेना के पैमाने बेतुके और मनमाने हैं। कोर्ट ने कमीशन को लेकर महिलाओं के लिए मेडिकल फिटनेस की आवश्यकता को 'मनमाना' और 'तर्कहीन' बताया था। इसके साथ ही कहा था कि हमारे समाज की संरचना पुरुषों द्वारा पुरुषों के लिए बनाई गई है।
Published on:
02 Aug 2021 03:32 pm
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