scriptवर्क फ्रॉम होम से सरकारी विभागों और निजी सेक्टर को हुआ बड़ा फायदा | work from home not only private but govt departments many benefits | Patrika News
विविध भारत

वर्क फ्रॉम होम से सरकारी विभागों और निजी सेक्टर को हुआ बड़ा फायदा

-फॉर्म से निजी और सरकारी संस्थाओं का लाखों रुपए का बिजली खर्च घटा।-कागजी कार्यवाही घटी। डिजिटल शॉपिंग में बढ़ोतरी हुई। नेटवर्किंग से जुड़ी जिंदगी।-वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा देने से कंपनियों की इंफ्रास्ट्रक्चर लागत में 12 फीसदी तक खर्च घटा।

Jan 25, 2021 / 12:03 pm

भूप सिंह

work_from_home.jpg

 

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से एक तरफ पूरा देश जूझ रहा, वहीं इसके कुछ सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। सबसे अहम तो यह है कि परिवारों को एक साथ जोड़ने के साथ ही वर्क फॉर्म होम (Work From Home) होने की दिशा में कदम बढ़े हैं। जब कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था तबसे अधिकांश सरकारी (Government Offices) और निजी कार्यालय (Private Sector) घरों से ही सचालित हो रहे हैं। ज्यादातर कार्यालयों के कर्मचारी अपने परिवारों के साथ ही रहकर घरों से काम कर रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है। इससे ऑनलाइन कार्य को गति मिली है।

Tractor rally : रूट को लेकर किसान संगठनों में मतभेद, एक गुट रिंग रोड पर जाने की जिद पर कायम

इंटरनेट मीडिया: नेटवर्किंग से जुड़ी जिंदगी
कोरोनाकाल में लॉकडाउन के कारण आपसी संपर्को और संबंधों की डोर टूटी तो वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर सरीखे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म उन लोगों के लिए भी संप्रेषण का नया हाईवे बनकर उभरे, जो अब तक इससे दूरी बरत रहे थे। महामारी की वजह से उत्पन्न असामान्य हालात में कार्यालय बंद हुए तो इसी माध्यम ने घर से काम करने की राह दिखाई। स्कूल-कॉलेजों के दरवाजे बंद हुए तो इसी के जरिए ही शिक्षा की लौ भी जली। घर में कैद लोगों का इसके सहारे उन दोस्तों और रिश्तेदारों से भी जुड़ाव हुआ, जिनसे लंबे वक्त से बात भी नहीं हुई थी। परिवारों ने अपने वाट्सएप ग्रुप बनाए और जमकर वीडियो चैटिंग भी की।

1952 में शान से निकली थी ट्रैक्टर परेड तो 2021 में विरोध में निकालने की तैयारी, 50 तरह की झांकिया तैयार, जुटे 1 लाख किसान

डिजिटल शॉपिंग: सामान मंगवाने का सुचारु तंत्र
डिजिटल शॉपिंग को युवाओं से जोड़कर देखने के आदी इस देश में इस साल सभी उम्र के लोगों ने इससे साथ जोड़ा। तो वहीं ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को घर-घर तक पहुंचाने में इनके डिलिवरी बॉय की भी महती भूमिका रही। कोरोना महामारी से मुकाबला करने में स्वास्थ्य, पुलिस एवं प्रशासन कर्मियों और अधिकारियों के साथ डिलिवरी बॉय भी अग्रणी योद्धा के रूप में मोर्चे पर नजर आए।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस : देश में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी ने चुनाव आयोग की तारीफ की

वर्क फ्रॉम होम को अपनाने से ये फायदे होंगे
एक अनुमान के मुताबिक किसी कंपनी का 17 फीसदी खर्च इंफ्रास्ट्रक्चर लागत में आता है. वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा देने से कंपनियां अपने इंफ्रास्ट्रक्चर लागत को 12 फीसदी तक कम कर सकती है। शेष 5 फीसदी लागत ऑफिस के रखरखाव और चलाने में लगता हैं। यहीं नहीं इस कल्चर को बढ़ावा देने से और कई फायदे है। कर्मचारियों का अपने ऑफिस कम जाने से सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग और यात्रियों का दबाव कम होगा। सबसे बड़ा फायदा प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

LAC : सिक्किम के नकुला में भारत-चीन सेना के बीच झड़प, ड्रैगन के 20 जवान घायल

यही कारण है कि इस कामकाज के तरीके को सरकारें, बैंकिंग,स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा क्षेत्र, मीडिया, मनोरंजन, बीमा, वित्तीय सेवाओं से जुडे संस्थाएं व कंपनियों सहित तमाम सेक्टर अपना रहे हैं। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय इवेंट्स, सम्मेलन, बैठकें, संगठनों के वार्षिक आम बैठक भी वर्चुअल हो रहे है। राजनीतिक पार्टियों की रैलियां भी वर्चुअल हो रही हैं। इस बढ़ते कल्चर से खर्च और मैन पावर दोनों लिहाज से फायदा हो रहा हैं।

ये हुआ फायदा
-कोरोना संक्रमण से सुरक्षा।
-कार्य की स्वतंत्रता।
-घर पर रहने का सुख।
-ऑनलाइन कार्य को गति।
-कार्यालय आने-जाने के लिए वाहन खर्च नहीं।
-वाहनों की कमी से पर्यावरण शुद्धि।
-कार्यलय में कर्म कर्मचारियों की वजह से लाखों के बिजली बिल की बचत।
-सबकुछ डिजिटली होने के चलते कागजी कार्यवाही का खर्च घटा।
-कार्यालयों का मेंटिनेंस में खर्च होने वाला पैसा काफी हद कम हुआ।
-गाड़ियों के मेंटिनेंस पर खर्च होने वाला पैसे में हुई कटौती।
-वर्क फॉर्म होम के बढ़े कल्चर से खर्च और मैन पावर दोनों ही लिहाज से हो रहा है फायदा।

Home / Miscellenous India / वर्क फ्रॉम होम से सरकारी विभागों और निजी सेक्टर को हुआ बड़ा फायदा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो