
बालाकोट अटैक: जब पाकिस्तान की पनडुब्बी के लिए 'काल' बन गई थी भारत की यह सबमरीन
नई दिल्ली। इस साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीएरपीएफ ( CRPF ) के काफिले पर आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था। जिसका बदला भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर लिया। इन दो घटनाओं के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
दरअसल, 14 फरवरी की घटना के बाद भारतीय सेना के तीनों अंगों ने आगे किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हर मोर्चे पर अपनी मजबूत तैयारी की थी। नौसेना ने समंदर में पाकिस्तान की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तानी जल सीमा के पास अस्त्र-शस्त्र से लैस अपनी एक पनडुब्बी को तैनात कर दिए थे।
भारत की ऐसी तैयारी देख पाकिस्तान को यह एहसास होने लगा था कि भारत पुलवामा अटैक का बदला लेने के लिए कुछ भी कर सकता है। भारतीय सेना अपनी तैयारियों को धार देते हुए पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए था।
इसके बाद जब 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों पर एयर स्ट्राइक किया तो पाकिस्तान के होश उड़ गए। पाकिस्तान ने आनन-फानन में अपनी आधुनिक माने जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन PNS Saad को पाकिस्तानी जल क्षेत्र ले हटा लिया।
पाकिस्तान PNS Saad के जरिए भारतीय नौसेना की गतिविधि पर नजर रख रहा था और भारतीय नौ सेना के हमले का जवाब देने के लिए तैनात किया गया था। सूत्रों ने बताया कि चूंकि PNS Saad में एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्सन लगा है। यह एक ऐसी तकनीक है जिससे यह पनडुब्बी आम पनडुब्बी के मुकाबले अधिक समय तक पानी में रह सकती है।
भारत ने 21 दिनों तक चलाया अभियान
बालाकोट ( Balakot ) स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के होश उड़ गए। इस बीच पाकिस्तान का PNS Saad अचानक पाकिस्तानी जल क्षेत्र से गायब हो गया। भारतीय नौसेना को लगा कि पाकिस्तान ने नापाक हरकत को अंजाम देने के लिए इसे हटा लिया है। लिहाजा भारतीय नौ सेना ने पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाशी शुरू कर दी। यह तलाशी अभियान 21 दिनों तक चली थी।
सूत्र के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, कराची के पास का स्थान जहां से PNS Saad गायब हुई, वहां से वह तीन दिनों में गुजरात तट और पांच दिनों के अंदर मुंबई के पश्चिमी बेड़े के मुख्यालय तक पहुंच जा सकता है।
ऐसे में भारतीय सुरक्षा बलों को एक खतरा दिखने लगा। भारत ने फौरन किसी भी अनहोनी के खतरे को भांपते हुए पनडुब्बी रोधी विशेष युद्धपोत और विमान तैनात कर दिया।
भारतीय नौसेना ने व्यापक तालाशी अभियान चलाया। हर उस सीमा तक तलाश की जहां तक पाकिस्तानी पनडुब्बी एक समयसीमा के भीतर पहुंच सकती थी। P-8 IS को महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य तटीय राज्यों की सीमा पर PNS Saad का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था।
INS कलावरी और INS विक्रमादित्य भी था तैनात
भारत ने किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी कर ली थी। INS चक्र को पाकिस्तानी जलीय क्षेत्र के करीब तैनात किया था और लापता हो चुके पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाश जारी रखने के निर्देश दिए थे।
इसके अलावे भारत ने INS कलावरी को भी PNS Saad की तलाश में तैना किया था। 21 दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद भारत को समझ में आ गया कि पाकिस्तान ने इसे कहीं ओर छिपाकर रखा है।
भारतीय सेना को पता चला कि PNS Saad पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में मौजूद है। पाकिस्तान ने उसे छुपने के लिए उस जगह पर भेजा था। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, तनाव बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए भारत ने उत्तरी अरब सागर में 60 से अधिक युद्धपोत को तैनात किया था। इसमें विमान वाहक पोत INS विक्रमादित्य भी शामिल था।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने उस समय अपने एक बयान में था कि तीनों आयामों में भारतीय नौसेना की अत्यधिक श्रेष्ठता ने पाकिस्तानी नौसेना को मकरान तट के करीब ठहरने और खुले समुद्र में किसी भी तरह की हरकत नहीं करने के लिए मजबूर किया है।
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Updated on:
24 Jun 2019 11:12 pm
Published on:
24 Jun 2019 07:17 am
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