अब इन आरोपों के बीच एक ईरानी पत्रकार के सनसनीखेज खुलासे से हड़कंप मच गया है। ईरानी पत्रकार ने कथित तौर पर इस घटना का विवरण सार्वजनिक किया है। उन्होंने ये दावा किया है कि ये पूरी जानकारी ईरानी अधिकारियों से मिली है। हालांकि न तो ईरान की ओर से न ही इजरायल की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया सामने आई है।
बता दें कि डॉ. फखरीजादेह की हत्या में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हाथ होने की बात कही जा रही है, क्योंकि हत्या से ठीक दो दिन पहले सऊदी अरब के निओम शहर में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायल के खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ योस्सी कोहेन के बीच एक गुप्त मीटिंग हुई थी।
हालांकि खबर सामने आने के बाद सऊदी अरब की ओर से ये कहा गया था कि ऐसी कोई गुप्त मीटिंग नहीं हुई है और इजरायली पीएम नेतन्याहू के साथ क्राउन प्रिंस की मुलाकात नहीं हुई है।
12 लोगों ने घटना को दिया अंजाम
ईरानी पत्रकार मोहम्मद अहवाज ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि परमाणु वैज्ञानिक डॉ मोहसेन फखरीजादेह की हत्या में 62 लोग शामिल थे, लेकिन इसे 12 लोगों की एक टीम ने अंजाम दिया है। बाकी के 50अन्य लोगों को इन 12 लोगों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के लिए रखा गया था।इन 12 लोगों को विदेशों में सुरक्षा और खुफिया सेवा के अधिकारियों की हत्या करने की ट्रेनिंग दी गई है।
उन्होंने बताया है कि इन्हीं 12 लोगों ने ईरान सरकार के हर आंतरिक और खुफिया फैसले की जानकारी देश से बाहर पहुंचाई। ये सभी राजधानी तेहरान से 50 मिल पूर्व अबसार्ड शहर में तैनात किया गया था। अवजाह ने यह नहीं बताया कि बाकी के 50 लोग घटना के वक्त ईरान में थे या फिर बाहर से सहायता कर रहे थे।
डॉ. फखरीजादेह पर थी कड़ी निगरानी
मोहम्मद अहवाज ने अपने दावे में कहा है कि हमलावर टीम काफी समय से डॉ. फखरीजादेह पर कड़ी निगरानी रख रही थी। हमलावर टीम को ये बात मालूम हो चुकी थी कि डॉ. फखरीजादेह शुक्रवार को तेहरान से अबसार्ड शहर तक सड़क के रास्ते जाने वाले हैं।
इसके बाद हमलावर टीम ने शहर के प्रवेश द्वार के पास गोल चक्कर के करीब घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। योजना के अनुसार, एक कार में चार हमलावर और फिर चार मोटरसाइकलों में दो-दो हमलावर सवार होकर वहां पहुंचे थे।
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इसके बाद हमलावरों ने वारदात वाली सड़क पर विस्फोटकों से लदे एक पिकअप वैन को फंसा दिया, ताकि डॉ. फखरीजादेह की कार को रोका जा सके। इसके बाद वे सभी इंतजार करने लगे। जैसे उन्हें सूचना मिली की फखरीजादेह का काफिला आने वाला है, उससे आधा घंटे पहले इलाके की बिजली काट दी। हमलावरों ने घटनास्थल के पास दो स्नाइपर्स को भी तैनात किया था।
हमलावरों ने की अंधाधुंध फायरिंग
ईरानी पत्रकार अहवाज ने बताया है कि प्लान के तहत सबकुछ सही चल रहा था। डॉ. फखरीजादेह के काफिले की पहली कार जैसे ही गोल चक्कर से निकली हमलावर अलर्ट हो गए। इसके बाद जैसे ही काफिले की तीसरी गाड़ी गोल चक्कर के पास से गुजरी तो पिकअप वैन में धमाका कर दिया। विस्फोट इतना जोरदार था कि कार का मलबा उस जगह से 300 मीटर की दूरी तक जाकर गिरा।
इसके बाद तीसरी गाड़ी पर हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों ने सैंकड़ों गोलियां दाग दी, इससे कार में सवार सभी लोगों की मौत हो गई। अहवाज ने दावा किया कि हमलावरों के टीम लीडर ने पहले डॉ. फखरीजादेह को कार से बाहर निकाला और फिर उन्हें गोली मार दी। इतना ही नहीं, हमलावरों ने यह जांच भी किया कि डॉ. फखरीजादेह की मौत हुई की नहीं।
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आपको बता दें कि ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने प्रख्यात ईरानी वैज्ञानिक के मारे जाने की पुष्टि की और इजरायल पर आरोप लगाया। मालूम हो कि परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह ईरान के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अहम स्थान रखने वाले वैज्ञानिकों में शुमार थे।। वे इमाम हुसैन विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर थे, वह ईरानी रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बल रसद में एक सीनियर सांइटिस्ट भी थे।