न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहोसिन एस्मेलि ( judiciary spokesman Gholamhossein Esmaili ) ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व कर्मचारी रेजा असगरी ( Reza Asgari, a former employee of the ministry of defence ) को पिछले हफ्ते मार दिया गया।
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बता दें कि इससे पहले बीते महीने जून में एक अमरीकी जासूस को फांसी की सजा सुनाई गई थी। बीते साल अमरीकी ड्रोन हमले ( Drone Attack ) में बगदाद में मारे गए ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी ( Qasem Soleimani Killing ) की गुप्त जानकारी अमरीका ( America ) और इजरायल ( Israel ) को देने के आरोप में एक CIA जासूस को फांसी देने का फैसला किया था।
ईरान की जूडिशरी के प्रवक्ता गुलाम हुसैन इस्माइली ने दोषी की पहचान महमूद मौसवी मज्द के रूप में की थी। इस्माइली ने आरोप लगाया था कि मौसवी ने सुलेमानी की खुफिया जानकारी अमरीका और इजरायल को दी। मौसवी को रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ( Revolutionary Court ) में सजा सुनाई गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा है। ईरान ने कहा था कि CIA के जासूस को जल्द ही फांसी पर चढ़ाया जाएगा।
ट्रंप के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी
आपको बता दें कि पिछले महीने ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और इंटरपोल ( Interpol ) को रेड नोटिस जारी करने के लिए भी कहा था। ईरान ने आरोप लगाया कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप उन 36 लोगों में से एक है, जिसने ड्रोन हमले ( Drone Attack ) में कमांडर कासिम सुलेमानी को मार डाला और आतंकवादी कार्यों को अंजाम दिया है।
ईरान ने इंटरपोल को उन 36 लोगों के नाम भी सौंपे और ट्रंप को पकड़ने के लिए मदद मांगी। हालांकि इंटरपोल ने ईरान के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। ईरान ने कहा है कि उसने CIA के लिए काम करने वाले 17 जासूसों को पकड़ा है, जिनमें से कुछ को मौत की सजा दी गई है।
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इस साल फरवरी में CIA के एक जासूस को पकड़ा जो तो तेहरान के परमाणु कार्यक्रमों ( Tehran’s Nuclear Programs ) के बारे में अमरीका और इजरायल ( America And Israel ) को जानकारी देने का प्रयास कर रहा था। अब उसे मौत की सजा सुनाई गई है। पिछले साल ट्रंप ने भी दावा किया था कि ईरान ने CIA जासूसों को पकड़ा है और उसे मौत की सजा सुनाई है।