तेहरान टाइम्स ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ( Iranian President Hassan Rouhani ) के कानूनी सलाहकार के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना महामारी के इस संकट के दौरान भी ईरान पर प्रतिबंधों को बनाए रखना अमरीका का एक अमानवीय कदम है। उन्होंने कहा है कि अमरीका का ये फैसला मानवाधिकारों के खिलाफ भी है, क्योंकि अमरीकी प्रतिबंधों के कारण ईरान को कोरोना संकट से निपटने में कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिनों अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ( US Secretary of State Mike Ponpio ) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UN Security Council ) से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने की मांग की थी।
Iran ने Donald Trump समेत 30 सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, इंटरपोल से मांगी मदद
बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) ने 2018 के मई में एक बड़ा फैसला लेते हुए ईरान के साथ परमाणु समझौते ( Nuclear deal with Iran ) को खत्म कर दिया था। साथ ही साथ ईरान पर कई तरह के कड़े आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दिए थे। इसके बाद से दोनों देशों में काफी तनातनी चल रही है।
ईरान ने ट्रंप के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट
आपको बता दें कि ईरान ने बीते दिनों अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट ( Arrest warrant against President Donald Trump ) जारी किया था। ईरान ने ट्रंप समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से मदद भी मांगी थी।
ईरान ने ट्रंप के खिलाफ ये गिरफ्तारी वारंट बगदाद एयरपोर्ट ( Baghdad Airport ) के करीब अमरीकी ड्रोन हमले ( Drone Strike ) में मारे गिए ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी ( General Qasim Sulemani ) का बदला लेने के लिए किया था।
जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन ने Iran पर बनाया दबाव, परमाणु स्थलों का निरीक्षण कराने की पेशकश की
अभी हाल ही में इजरायल ( Israel ) ने ईरान के परमाणु ठिकाने पर साइबर हमला ( Cyber Attack ) कर बर्बाद कर दिया था। एक धमाका यूरेनियम संवर्धन केंद्र ( Uranium Enrichment Center ) में हुआ था जबकि दूसरा विस्फोट मिसाइल निर्माण केंद्र में हुआ था। इन हमलों को लेकर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी भी दी थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजरायली हमले के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम ( Iran’s nuclear program ) लगभग दो महीने पीछे चला गया है।
बता दें कि ईरान पर गलत तरीक से परमाणु कार्यक्रम चलाने का आरोप लगता रहा है, जिसको लेकर अमरीका ने कार्रवाई की है। ईरान ने अमरीका को धमकी दी थी कि यदि प्रतिबंधों को नहीं हटाया गया तो वह परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करेगा।