हालांकि इस आदेश में जो भी कुछ कहा गया है उसमें से एक बात सबसे महत्वपूर्ण है और उसको लेकर एक सवाल भी खड़ा होता है। दरअसल, इस आदेश में चीन को लेकर कुछ बातें कही गई है। ऐसे में ये प्रश्न उठता है कि क्या ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमरीका के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में बीजिंग को चेतावनी देने की कोशिश की है? इसके अलावा यह भी महत्वर्ण है कि क्या चीन के खिलाफ भारत को सतर्क कर अपने पक्ष में करने के लिए ट्रंप ने दिल्ली को एक संकेत दिया है?
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ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर
दरअसल, ट्विटर के साथ उपजे विवाद के बाद गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुरक्षा देने वाले कुछ प्रावधान खत्म करने संबंधी एक कार्यकारी आदेश पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर किए हैं। इस आदेश के बाद अब ट्विटर, फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ रेगुलेटर्स को कानूनी कदम उठाने के अधिकार मिल सकते हैं।
कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ‘असीमित ताकतें’ मिली हुई हैं। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि हमारे संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा अधिकार दिया गया है ऐसे में हम कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को इस बात का हक नहीं दे सकते कि वो कुछ नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा बनें। ये अलोकतांत्रिक है।
हालांकि ये माना जा रहा है कि ट्रंप के इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मिली कानूनी सुरक्षा में बदलाव करने की प्रक्रिया में अमरीकी कांग्रेस और कोर्ट को शामिल किया जाना जरूरी है। इधर ट्रंप ने भी इस बात को माना है कि कार्यकारी आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
कार्यकारी आदेश की महत्वपूर्ण बातें
इस आदेश में कई बातें कही गई हैं, जिसमें कुछ बातें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकारी विज्ञापनों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा इस बात की भी समीक्षा की जाएगी कि क्या ये प्लेटफार्म नजरिये पर आधारित प्रतिबंध लगाते हैं।
– किस तरह के कंटेट को ब्लॉक करना भ्रामक माना जाएगा और सर्विस प्रोवाइडर्स के टर्म्स और कंडिशन्स के अनुसार क्या विसंगतियां है इसे फेडरल कम्यूनिकेशन कमिशन बताएगा।
– व्हाइट हाउस ‘टेक बायस्ड रिपोर्टिंग टूल’ फिर से शुरू किया जाएगा। इसके जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के किसी अनुचित व्यवहार के बारे में आम नागरिक रिपोर्ट कर सकते हैं।
ट्रंप ने चीन को बनाया निशाना!
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर विवाद के बहाने एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की है। इस बात का संकेत इस बात से मिलता है कि ट्रंप ने कार्यकारी आदेश में चीन का हवाला दिया है। आदेश के एक पैराग्राफ में लिखा है ‘कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चीन की तरह कई विदेशी सरकारों द्वारा फैलाई गई आक्रामकता और विघटन को बढ़ावा दे रहे हैं’। ट्रंप के अनुसार, इसमें COVID-19 महामारी की उत्पत्ति के बारे में गलत जानकारी फैलाने और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन को कम करने के लिए अपने प्लेटफार्मों का उपयोग करने की अनुमति देने वाली कई कंपनियां भी शामिल हैं।
बता दें कि ट्रंप कोरोना वायरस के संदर्भ में लगातार चीन पर आरोप लगाते आ रहे हैं। ट्रंप ने कई बार कहा कि कोरोना को लेकर चीन ने दुनिया से सच्चाई छिपाई है और दुनिया को गलत जानकारी दी है। कोरोना की वजह से अमरीका में एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि ट्रंप लगातार चीन पर हमलावर हैं, जिसको लेकर अमरीका और चीन में तनातनी चल रही है।
भारत के लिए संकेत?
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप का ये आदेश क्या भारत के लिए एक संकेत है? क्योंकि भारत में भी तमाम तरह के चीनी ऐप्स चलते हैं। जिसके जरिए कई तरह की सूचनाएं प्रोपैगेंडा के तहत स्प्रेड की जाती है। अबी हाल ही में टिक-टॉक, Hello ऐप व अन्य चीनी ऐप्स को लेकर सवाल उठे हैं, क्योंकि भारत में ये सबसे ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे में क्या भारत को भी एक रणनीति बनानी चाहिए, ताकि इस तरह के ऐप्स के जरिए स्प्रेड किए जा रहे कंटेट को मॉनिटर किया जा सके। क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो इन प्लेटफॉर्म के जरिए कई तरह की भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा सकती है, जिससे भारत का एक बड़ा वर्ग प्रभावित हो सकता है। ट्रंप की ओर से ट्विटर विवाद के जरिए कोरोना वायरस को लेकर चीन पर हमला बोलना भारत को एक संकेत नजर आता है और कोरोना की लड़ाई में अपने खेमे में शामिल करने की एक रणनीति दिखाई दे रही है।
क्या है संचार शिष्टता कानून की धारा 230?
ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। ट्रंप ने सोशल मीडिया के संदर्भ में संचार शिष्टता कानून की धारा 230 के तहत शासकीय आदेश में नये नियमों का प्रावधान किया गया है। इस नए प्रावधान के बाद सेंसर करने या किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने वाली सोशल मीडिया कंपनियां उत्तरदायित्व से छूट नहीं पा सकेंगी।
ट्रंप ने कहा कि शासकीय आदेश में संघीय व्यापार आयोग को इन सोशल मीडिया कंपनियों को धोखेबाजी का कोई काम नहीं करने देने या वाणिज्य को प्रभावित करने वाले काम नहीं करने देने का निर्देश भी दिया गया है। ट्रंप ने कहा कि संघीय व्यापार आयोग अधिनियम की धारा 5 में यह अधिकारी प्रदत्त है। उन्होंने कहा कि कुछ गिने-चुने प्रभावशाली सोशल मीडिया संस्थान अमरीका में समस्त सार्वजनिक और निजी संचार तंत्र के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं।
बता दें कि अमरीकी कानून का सेक्शन 230 ऑनलाइन प्लेटफार्मों को सोशल मीडिया पर यूजर्स के डाले कंटेंट के लिए प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी से बचाता है।