
आजकल चोरी के मोबाइल फोन बिकने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। कई लोग चोरी किए हुए मोबाइल फोन को सेकेंडहैंड बताकर लोगों को बेच देते हैं। ऐसे में मोबाइल फोन खरीदने वालों को भी यह आभास होता कि वो मोबाइल चोरी का है या नहीं। इसके बाद लोग पुलिस या क्राइम ब्रांच के जाल में फंस जाते हैं। लेकिन अब इस समस्या का समाधान आ चुका है। क्योंकि अब एक नया मोबाइल एप आया है जो बता देता है की फोन चोरी का है या नहीं। इस एप को इंदौर पुलिस ने CitizenCop App नाम से जारी किया है। ऐसे में अब आप कोई भी सेकेंडहैंड मोबाइल लेना चाहते हैं तो उसके बारे में इस एप से हाथों-हाथ ही पता कर सकते हैं की वो चोरी का है या नहीं।
सिटीजन कॉप एप पर 36 हजार से ज्यादा वाहनों की जानकारी अपलोड की जा चुकी है। जिसके जरिए सेकंड हैंड वाहन खरीदने वाले आसानी से यह पता कर सकते हैं कि उनका वाहन पुलिस केस में रजिस्टर्ड या चोरी का तो नहीं है। इसी तरह अब इस एप में सेकेंडहैंड मोबाइल को लेकर करीब 1 लाख चोरी के मोबाइल फोन का डेटा भी अपलोड किया गया है। ऐसे में अब कोई सेकेंडहैंड मोबाइल लेता है तो वो इस एप के उस मोबाइल के आईएमईआई नंबर को डालकर सर्च कर सकता है की वो चोरी का या किसी पुलिस केस का तो नहीं। इस एप में अब तक 19 हजार से ज्यादा चोरी के मोबाइल फोन्स की जानकारी अपलोड की जा चुकी है जिससें काफी हद तक लोगों को इससे मदद मिल सकती है।
फोन के बारे में ऐसे करें पता
— सबसे पहले सिटीजन कॉप एप को अपने एंड्रॉइड मोबाइल में डाउनलोड करें
— इसके बाद लॉस्ट आर्टिकल के ऑप्शन में जाएं
— यहां सबसे ऊपर आपको आईएमईआई नंबर सर्च का आॅप्शन दिखेगा। इसमें आप सेकेंडहैंड मोबाइल का आईएमईआई नंबर डालकर सर्च करें।
— इसके बाद सर्च आॅप्शन पर क्लिक करते ही आपको आईएमईआई नंबर के आधार पर तत्काल स्क्रीन पर मैसेज दिखेगा। इसके बाद यदि नो रिकाॅर्ड आता है तो वह मोबाइल पुलिस रिकाॅर्ड में दर्ज नहीं है। यदि रिकाॅॅर्ड मिल जाता है तो वह अपराध नंबर के आधार पर स्क्रीन पर नजर आएगा।
Published on:
05 Mar 2018 12:49 pm
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