वर्तमान में भारत के बाहर रजिस्टर्ड ऑनलाइन विज्ञापन करने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों को करीब 6 प्रतिशत तक टैक्स भरना होता है। मगर टैक्स की दरों में बढ़ोतरी होने पर ये दर 7 से 8 फीसदी तक हो जाएगी। टैक्स की दर बढऩे से ज्यादा प्रभाव उन लोगों पर पड़ेगा, जो गूगल और एपल जैसी कंपनियों से ऐप्स खरीदते हैं। दरअसल केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड की एक कमेटी ने इसी साल मार्च माह में इसी तरह के सुझाव दिए थे। उसके बाद जून के महीने से मल्टीनेशनल कंपनियों ने बढ़ी हुई दर के हिसाब से भुगतान करना भी शुरू कर दिया था।