
Javagal Srinath including many giants bought out stake in Chinese company Koo
देसी ट्विटर कहा जा रहा मेड इन इंडिया माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo भारत में तेजी से पॉपुलर हो रहा है। इसे ट्विटर के भारतीय विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। अब यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर टॉप फ्री ऐप बन गई है। बता दें कि इससे पहले अगस्त 2020 में यह ऐप केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज को भी जीत चुकी है। बता दें कि केंद्र सरकार के कई बड़े मंत्रियों सहित बॉलीवुड सेलेब्स ने भी Koo पर अपना अकाउंट बनाया है।
बना टॉप फ्री ऐप
Koo की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि है Google Play Store पर कुछ ही दिनों में Koo App को 1,000,000 से ज्यादा डाउनलोड मिले हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर में टॉप फ्री ऐप्स में शामिल हो गई है। इसे एंड्रॉयड यूजर्स के साथ iOS यूजर्स भी Apple App Store से डाउनलोड कर सकते हैं।
रोजाना एक लाख से अधिक डाउनलोड
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब से भारत सरकार और ट्विटर के बीच का विवाद सार्वजनिक हुआ है तब से Koo ऐप पर लोगों का आना तेज हो गया है। बताया जा रहा है कि हर रोज एक लाख से अधिक नए लोग Koo ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं, जबकि कुल डाउनलोड की संख्या तीस लाख को पार कर गई है।
कई सेलेब्स नें बनाया अकाउंट
इस ऐप को राजनेताओं और सेलीब्रिटीज ने यूज करना शुरू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल भी इस ऐप को यूज कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, बॉलीवुड स्टार अनुपम खेर, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के अलावा कई बड़े नाम इस ऐप पर मौजूद हैं। यह ऐप हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया और असमी भाषा को सपोर्ट करता है।
चीनी निवेश का विवाद
इस ऐप को लेकर विवाद भी सामने आने लगे हैं। इसमें चीनी निवेशकों के शामिल होने की बात सामने आई। इस पा सफाई देते हुए कू की टीम ने कहा कि यह बात सही नहीं है। कू पूरी तरह से बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड के अधीन है और यह सिर्फ भारत में ही संचालित है। आज की तारीख में कू के निवेशकों में एक्टेल पार्टनर्स, 3वन4 कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और कलारी कैपिटल शामिल हैं। इस ऐप के फाउंडर्स में से एक राधाकृष्ण ने कहा कि की संरचना में शामिल चीनी निवेशक शुनवेई से कंपनी से बाहर जाने का फैसला ले लिया है। कू को उम्मीद है कि इस मुद्दे को लगभग एक ही महीने की समयावधि में हल कर लिया जाएगा। राधाकृष्ण ने आगे कहा, भारत में चीनी निवेशकों पर बढ़ते प्रतिबंधों के चलते कंपनी से शुनवेई के बाहर निकलने की प्रक्रिया को उपयुक्त जांच और स्पष्टीकरण से होकर गुजरना होगा।
डेटा लीक विवाद
हाल ही शोधकर्ता इलियट एल्डरसन ने दावा किया कि यह प्लेटफॉर्म यूजर्स के डेटा को लीक कर रहा था, जैसे जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति वगैरह। एल्डर्सन ने कहा कि मैंने इस नए कू एप पर 30 मिनट बिताए। एप उनके यूजर्स के पर्सनल डेटा जैसे ईमेल, डीओबी, नाम, वैवाहिक स्थिति लीक कर रहा था। हालांकि कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने ने इस बात से इनकार किया कि कोई डेटा लीक हुआ था। उन्होंने कहा कि डेटा लीक के बारे में कुछ बातें अनावश्यक रूप से बोली जा रही हैं। दिखाई देने वाला डेटा कुछ ऐसा है, जिसे यूजर्स ने स्वेच्छा से कू पर अपनी प्रोफाइल में दिखाया है। इसे डेटा लीक नहीं कहा जा सकता। यदि आप किसी यूजर की प्रोफाइल पर जाते हैं तो आप इसे देख सकते हैं।
Published on:
14 Feb 2021 04:23 pm
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