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Scam Alert : फ्रॉड का यह तरीका आपको बना सकता है कंगाल, सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लगाया 5 लाख का चूना

Courier Scam : देश में स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे ही बढ़ते मामलों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको जानकर हैरान हो जाएंगे। एक परेशान करने वाली घटना में, पुणे के रहने वाले 27 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। स्कैमर्स ने इंजीनियर को फर्जी कूॅरियर स्कैम में फंसाकर करीब 5 लाख रुपए ठग लिए। चलिए, जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।

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Courier Scam

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Courier Scam : देश में स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे ही बढ़ते मामलों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको जानकर हैरान हो जाएंगे। एक परेशान करने वाली घटना में, पुणे के रहने वाले 27 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। स्कैमर्स ने इंजीनियर को फर्जी कूॅरियर स्कैम में फंसाकर करीब 5 लाख रुपए ठग लिए। चलिए, जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।

स्कैमर्स ने पीडि़त से पैसे ठगने के लिए उसके आधार कार्ड की डिटेल्स का इस्तेमाल कर उसे अपने जाल में फंसाया। यह घटना सोमवार को सामने आई, जब पीडि़त को सुबह लगभग 10.30 बजे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि पीडि़त के आधार डिटेल्स का इस्तेमाल कर मोबाइल हैंडसेट और पासपोर्ट वाला एक कूॅरियर ताइवान भेजा गया था। पीडि़त की परेशानी को बढ़ाते हुए, स्कैमर ने कहा कि वह इसके चलते कानूनी पचड़े में पड़ सकता है। धोखाधड़ी को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए, जालसाज ने चालाकी से पीडि़त को साइबर अपराध विभाग के कथित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) से जुडऩे का निर्देश दिया।

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पीडि़त ने जब इस नकली 'डीसीपी' के साथ वीडियो कॉल के जरिए बात की, तो उसका डर और कमजोरी और बढ़ गई। इस फर्जी स्कैम से बाहर आने के लिए इंजीनियर स्कैमर की बात मानने के लिए तैयार हो गया। उसने ठग द्वारा बताए गए दो अलग-अलग बैंक खातों में 4.7 लाख रुपए की रकम ट्रांसफर कर दी।

हालांकि, पीडि़त को बाद में इस बात का एहसास हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है। अपनी गलती को सुधारने के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए पुणे पुलिस को उसके साथ हुए फ्रॉड की जानकारी दी। शिकायत मिलते ही पुणे पुलिस हरकत में आ गई। पुलिय उन खातों में से एक को फ्रीज करने में कामयाब रही जिसमें उसने 3 लाख रुपए जमा किए थे।

मामले की जांच कर रहे सहायक निरीक्षक अनिल लोहार ने पीडि़त की त्वरित कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया, जिससे पुलिस काफी हद तक उसकी रकम को बचाने में कामयाब रही। इस घटना के जरिए हम लोगों को यह बताना चाहते हैं कि किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल से सतर्क रहें और अपने बैंक या अन्य कोई निजी जानकारी साझा नहीं करें, नहीं तो आपके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।