
फिल्म : 'आलिया बसु गायब है'
स्टार : ***
जॉनर : सस्पेंस थ्रिलर
निर्माता : डॉ. सत्तार दीवान, जोनू राणा
निर्देशक : प्रीति सिंह
संगीत : मन्नान मुंजाल
कलाकार : विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान आदि
अवधि : एक घंटा 43 मिनट
Aliya Basu Gayab Hai Review: सिनेमा परंपरा की अधिक आधुनिक शैलियों में से एक 'थ्रिलर' कुछ शुरुआती कहानियों और फिल्मों से जुड़ी है। साथ ही ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म शैली भी है, जो कई अन्य शैलियों में भी फैलती है। यही वजह है कि सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों में चौंकाने वाले अंत का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है।
रिहैब पिक्चर्स की पेशकश हालिया रिलीज 'आलिया बसु गायब है' भी एक ऐसी ही साइकोलॉजिकल थ्रिलर है, जिसने थ्रिलर फिल्मों के शौकीन और अधिक रोमांचक अनुभवों का अभाव झेल रहे दर्शकों के दिल और दिमाग पर मानो जादू सा कर दिया है। विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान जैसे उम्दा कलाकारों से सजी ये फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे ट्विस्टेड और मनोरंजक थ्रिलर के तौर पर सामने आई है, क्योंकि ये फिल्म न केवल एक रोमांचक थ्रिलर का वादे को पूरा करती है, बल्कि दोषपूर्ण पात्रों और उनकी स्वार्थी इच्छाओं पर आधारित एक अलग तरह की कहानी भी सामने लाती है।
खासियत : 'आलिया बसु गायब है' की कहानी पहचान और धारणा के बारे में कुछ गहन सवालों से निपटती है, क्योंकि ये सिर्फ एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर नहीं है, बल्कि ये मानव स्वभाव की साइकोलॉजिकल खोज है। जो चीज इस फिल्म को सबसे अलग बनाती है, वो है इसका लेखन, जो वास्तव में इसे साल की 'सबसे रोमांचक फिल्म' बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ता है।
क्या है कहानी : 'आलिया बसु गायब है' पूर्व अपराधियों दीपक और विक्रम की कहानी पर आधारित है, जो फिरौती और निजी बदला लेने के लिए एक अमीर आदमी, यानी उद्योगपति गौतम बसु की बेटी आलिया का अपहरण करते हैं, लेकिन दीपक के छिपे हुए इरादों से उसका दोस्त विक्रम भी अनजान है। आलिया अपहर्ताओं से खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष करती है और अपने पिता से बचाव में मदद करने की गुहार लगाती है। जब अपहर्ता फिरौती लेने के लिए तयशुदा स्थान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें धोखे का पता चलता है।
अभिनय : विनय पाठक ने विक्रम का किरदार शानदार तरीके से निभाया है। वहीं राइमा सेन ने आलिया के रोल के लिए अपनी पूरी जान झोंक दी है। उन्होंने आलिया की भावनात्मक परेशानी और बचने के लिए किए गए प्रयासों को बहुत अच्छी तरह से दिखाया है।
फिल्म में सलीम दीवान, दीपक के किरदार में वाकई दिलचस्प दिख रहे हैं। उन्होंने एक ऐसे आदमी का किरदार निभाया है जो अपने आपराधिक विचारों और अंदरूनी संघर्ष के बीच फंसा हुआ है। उनका परफॉर्मेंस बहुत प्रभावशाली और डरावना है। किरदार को मूर्त रूप देने की दीवान की क्षमता असाधारण है। वह हर सीन में एक गहराई लाते हैं।
निर्देशन : जहां तक निर्देशन की बात है, तो प्रीति सिंह ने 'आलिया बसु गायब है' के जरिये पहली बार किसी फीचर फिल्म के डायरेक्शन की बागडोर संभाली है। उन्होंने अपनी तमाम ऊर्जा और अपने अनुभव को इसमें झोंक दिया। ऐसे में फिल्म के हरेक एंगल में उनकी ईमानदारी और मेहनत स्वत: झलकती है। अपनी पहली ही फिल्म का कुशल निर्देशन करके उन्होंने ये जता दिया है कि उनकी फिल्मी सोच अलहदा है। यही वजह है कि दर्शकों के लिए 'आलिया बसु गायब है' को मनोरंजक और रोमांचकारी तमाशा बनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
क्यों देखें : अगर आप एक रोमांचक सिनेमाई अनुभव से मोहित होने के लिए तैयार हैं, तो तत्काल 'आलिया बसु गायब है' का टिकट बुक करा लीजिए। अपनी मनोरंजक कहानी, कलाकारों के शानदार अभिनय और प्रीति सिंह के दमदार निर्देशन के साथ यह फिल्म भारतीय साइकोलॉजिकल थ्रिलर के परिदृश्य को सार्थकता से दुबारा परिभाषित कर रही है। तो आप भी इस रोमांचक यात्रा का हिस्सा बनने का मौका न चूकें।
Updated on:
09 Aug 2024 03:04 pm
Published on:
09 Aug 2024 03:02 pm
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