वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने दो महीने पहले ही 16 नवंबर 2023 को शिंदे सरकार से इस्तीफा दे दिया है। भुजबल ने दावा किया कि सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस ने उनसे इस बारे में चुप रहने के लिए कहा था। लेकिन जब लोग मुझे बर्खास्त करने की बात कर रहे हैं तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं दो महीने पहले ही इस्तीफा दे चुका हूं।
इस पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि भुजबल के इस्तीफे के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अधिक जानकारी दे सकते हैं। जिला पुलिस बल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गढ़चिरौली आए फडणवीस ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भुजबल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी।
बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा, भुजबल के इस्तीफे के बारे में केवल मुख्यमंत्री शिंदे ही बता सकते हैं। आज मैं सिर्फ यही कहूंगा कि हमने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। ना ही मुख्यमंत्री ने भुजबल का इस्तीफा स्वीकार किया है।
छगन भुजबल के इस्तीफे की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई है। भुजबल ने मराठा आरक्षण सर्वे पर भी सवाल उठाए हैं। भुजबल ने कहा, ”360 करोड़ रुपये देकर झूठा रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। डेटा से छेड़छाड़ की जा रही है… फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। यदि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दे दिया गया तो ओबीसी का आरक्षण खत्म हो जायेगा। पिछड़ा वर्ग आयोग का जो सर्वे चल रहा है, वह फर्जी है।”
इस्तीफे को लेकर भुजबल ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में बात नहीं करने को कहा था। भुजबल ने कहा, “मैं इस पर मौन रहा, लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि ओबीसी के पक्ष में बोलने के लिए भुजबल को कैबिनेट से हटा देना चाहिए। मैं आखिरी सांस तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा।”