केबिन नंबर 602 का कायम है डर
मुख्यमंत्री के ऑफिस के ठीक सामने छठी मंजिल पर केबिन नंबर 602 है। लेकिन, तीन हज़ार वर्ग फीट वाले इस केबिन में कोई भी मंत्री बैठना नहीं चाहता है। किसी जमाने में इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का केन्द्र माना जाता था। इस केबिन में मुख्यमंत्री, सबसे सीनियर मंत्री और मुख्य सचिव बैठते थे, लेकिन अब हर कोई इसे लेने से डरता है। लोग मना ही कर देते हैं, जब विभाग उन्हें इसे आवंटित कर देता है। लेकिन अभी उद्धव सरकार के गठन के बाद से इस केबिन को अभी तक खाली ही रखा गया है, इसका कारण है यह अंधविश्वास कि यहां आने के बाद वह अपना कार्यकाल भी शायद पूरा नहीं कर पाए।
बताया जाता है कि यह केबिन महाराष्ट्र के नेताओं के लिए दुर्भाग्यशाली साबित हुआ है। इस केबिन में बैठने वाले राज्य के तीन मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं। कोई हार गया तो किसी की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि सोमवार को अजित पवार ने भी इस केबिन को लेने से मना कर दिया है।
साल 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद ये केबिन वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को दिया गया था। दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद इस केबिन में कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर बैठने लगे। सिर्फ दो साल में ही मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद उनकी मौत हो गई। करीब एक साल तक ये केबिन खाली रहा। 2019 में भाजपा के नेता अनिल बोंडे इसमें बैठने लगे.।लेकिन, इस साल हुए विधानसभा चुनाव में उनकी हार हो गई। इसके बाद से कोई भी नेता ये केबिन लेने को तैयार नहीं है।