scriptउठी पाव व पबिया में अंतर न मानने की मांग | Seeking difference in ruptured pav and Pabiya | Patrika News
मुंगेली

उठी पाव व पबिया में अंतर न मानने की मांग

पाव समाज का दो दिवसीय महासम्मेलन

मुंगेलीJan 15, 2019 / 08:32 am

Amil Shrivas

Mungeli

उठी पाव व पबिया में अंतर न मानने की मांग

बेलगहना. पाव समाज का दो दिवसीय महासम्मेलन ग्राम सारबहरा में रखा गया। समाज के प्रमुख लोगों ने शासन से पबिया व पाव जाति एक होने के बावजूद समाज के अन्य लोगों का जाति प्रमाण पत्र न बन पाने का मामला उठाया।
वक्ताओं ने कहा कि कुछ लोगों के स्कूली प्रमाण पत्र में पाव जाति व उनके मिसल बंदोबस्त में पबिया जाति का उल्लेख है। इस वजह से पाव समाज के पढ़े-लिखे नौजवान रोजगार से वंचित हो रहे हैं। जाति प्रमाण पत्र न बन पाने से शासकीय नौकरी हेतु आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित भी हो रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह जाति प्रमाण पत्र का अभाव है और समाज प्रमुखों ने शासन के राजपत्र के प्रकाशन में पाव व पबिया के अंतर को न मानते हुए जाति पमाण पत्र तत्काल जारी करने का आग्रह किया। वहीं शिक्षा व सामाजिक लेन-देन सुधार पर चर्चा हुई। सम्मेलन को जिला अध्यक्ष बाबूलाल पाल, सचिव मनोहर सिंह ने संबोधित किया। सम्मेलन में संत रामपाल राम सिंह, श्याम सिंह , पवन सिंह, नारायण सिंह, पाल सिंह, जय नाथ शुक्ल, सुख राम, राम सा, राम लक्ष्मण सिंह, रतन सिंह, मंगल सिंह व राजेंद्र, हरिश्चंद्र, रघुनाथ राव, अशोक कुमार, भीम सिंह, नवल सिंह, शंकर सिंह, ध्यान सिंह, चंद्रभान सिंह, कन्हैया, नरोत्तम, श्रवण, गुंजन सिंह, राजू सिंह व पाल सिंह शालिग्राम प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। उक्त जानकारी अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद व बाबू लाल ने दी।

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