उधर ग्राम के वरिष्ठ एवं वृद्ध लोगों के अनुसार बहुत समय पहले यहां पर लंगर से बांध कर खजाना रखा गया था। 12 फीट सरिया डालने के बाद पुन: एक आवाज उत्पन्न होती है जो किसी पात्र या ठोस वस्तु से टकराव होने का अंदेशा प्रतीत कराती है।
वहीं ग्राम के मछुवारों ने बताया कि पांच वर्ष पहले तालाब में मछली पकडऩे जाल डाला गया था, तब भी अचानक तालाब के बीच मे जाल फंस गया, जिसे खींचने के लिऐ कई ग्रामीण इक_े हुए, लेकिन खींचा नहीं जा सका, तब तालाब के बीच में जाकर पानी में गोता लगाकर अंदर पता लगया गया, जहां कुछ बड़ा ठोस पात्र जैसा महसूस हुआ और तभी पूरा जाल अचानक ऊपर आ गया। तब से उस तालाब में भय के कारण मछली मारने का काम बंद हो गया। वर्तमान में तालाब पूरी तरह सूख चुका है और मनरेगा का कार्य चल रहा है। उसी स्थान पर जमीन के अंदर कुछ ठोस पात्र होने की बात कही जा रही है।
जनपद सीईओ ने रोकवाया खोदाई
ग्राम के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि भरत लाल साहू ने सीईओ कुमार सिंह को इसकी सूचना दी, जिसे गम्भीरता से सुनने के बाद उन्होंने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को सुना और वस्तु स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराने का आश्वासन देते हुए वहां की खुदाई अभी नहीं करने का निर्देश दिया।