क्या है पूरा मामला
यह मामला तब सामने आया था जब डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर विजय सुर्यवंशी ने मुंबई के अलीबाग सीफ्रंट पर 87 फार्महाउस के बारे में कानूनी जानकारी मांगी थी। कथित तौर पर इनमें से एक बंगला शाहरुख खान का भी था। महाराष्ट्र टेनेसी एंड एग्रीकल्चर लैंड्स एक्ट (MTAL) कृषि योग्य इन जमीनों को गैर-कृषि कार्यों के लिए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। शाहरुख खान ने यह जमीन कृषि कार्य के लिए खरीदा था लेकिन उन्होंने इस जमीन पर फार्महाउस बनाया था। साल 2018 में, 15 करोड़ रुपए के इस बंगले समेत कई जमीनों को जब्त कर लिया था। आयकर विभाग ने डेजा वु फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड को बेनामिदार घोषित कर दिया था, साथ ही शाहरुख खान को इस फायदा लेने वाला घोषित किया था। बाद में न्यायिक निर्णय प्राधिकरण ने इस केस को खारिज कर दिया था जिसमें शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी खान हिस्सेदार थे।
क्या है आयकर विभाग का कहना
आयकर विभाग से प्राप्त सूत्रों के मुताबिक, विभाग के पास पर्याप्त आधार हैं जिससे यह लेनदेन बेनामी साबित होता है। ऐसे में शाहरुख खान के खिलाफ एक मजबूत केस बनता है। सूत्र ने कहा, “कानून यह साफ तौर पर दर्शाता है कि यदि कोई संपत्ति अपनी पूंजी से नहीं खरीदता है तो यह बेनामी संपत्ति होती है। न्यायिक निर्णय प्राधिरण द्वारा इस बात नजरअंदाज किया गया था। इस केस में बेनामी संपत्ति किसी अन्य तरीके से परिभाषित किया गया है।”
क्या है बेनामी संपत्ति एक्ट
बेनामी प्रॉपर्टी के माध्यम से टैक्स चोरी को लेकर साल 2016 में इस एक्ट को संशोधन किया गया था। इस संशोधन के तहत, किसी भी व्यक्ति पर आरोप साबित होने के बाद सात साल तक का जेल व बेनामी संपत्ति की कुल मार्केट वैल्यु का 25 फीसदी हिस्सा जुर्मान के तौर पर देय है। एंटी बेनामी नियम के तहत, साबित हो जाने के बाद बेनामिदार व इसका फायदा लेने वाले को अभियोज्यित किया जा सकता है।
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