scriptचल पशु चिकित्सा इकाई से जुड़ा मामला, पशु पालकों में जागरुकता का बना अभाव | Case related to moving veterinary unit in Nagaur | Patrika News
नागौर

चल पशु चिकित्सा इकाई से जुड़ा मामला, पशु पालकों में जागरुकता का बना अभाव

www.patrika.com/rajasthan-news/

नागौरOct 13, 2018 / 04:57 pm

Kamlesh Sharma

Nagaur

Nagaur

नागौर/कुचामनसिटी। सरकार की ओर से संचालित योजनाएं जागरुकता के अभाव में कई बार धरातल पर नहीं उतर पाती हैं। इसके चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से लोग अनभिज्ञ बने रहते हैं। एक ऐसा ही एक मामला कुचामन पशुपालन विभाग की चल पशु चिकित्सा इकाई का है, जो पशु चिकित्सा सुविधा से वंचित गांवों में जाकर पशुपालकों के पशुओं का उपचार कर रही है लेकिन, पशुपालकों के रुचि कम लेने से कई बार पशु चिकित्सा सहित अन्य सुविधा से वंचित रह जाते हैं।
हर महीने करीब 20 गांवों का दौरा

जानकारी के अनुसार कुचामन चिकित्सालय की चल पशु चिकित्सा इकाई हर माह करीब 20 गांवों का दौरा करती है। इस दौरान पशुधन के उपचार की गांव में ही सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन कई बार पशुपालक रुचि नहीं लेते या उन्हें गांव में मोबाइल यूनिट के आने की सूचना नहीं मिल पाती। जिससे वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। चल पशु चिकित्सा इकाई में एक पशु चिकित्सक, कम्पाउंडर समेत अन्य स्टाफ होता है। साथ ही चल इकाई में पशुओं की चिकित्सा से संबंधित पूरी सुविधा रहती है। पशुपालकों को सिर्फ दो रुपए के शुल्क में नि:शुल्क दवाओं का वितरण भी किया जाता है।
सैंकड़ों पशुओं को मिल पाता है उपचार

एक माह में चल इकाई को 20 कैम्प लगाने पड़ते हैं। ऐसे में एक दिन में 100-150 पशुओं का उपचार एक दिन में हो जाता है। गौरतलब है कि चल इकाई उन्हीं क्षेत्रों में जाती है, जहां पशु चिकित्सा की सुविधा नहीं है। अब तक चल इकाई की ओर से सैंकड़ों पशुओं का उपचार किया जा चुका है। इधर, विभाग का कहना है कि उनकी ओर से किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाती। चल इकाई के गांव में पहुंचने के बाद एक स्थान निर्धारित कर दिया जाता है। उस स्थान पर जितने भी पशुपालक अपने पशुओं को लेकर आते हैं, उनका उपचार किया जाता है। साथ ही दवा भी नि:शुल्क दी जाती है।

Home / Nagaur / चल पशु चिकित्सा इकाई से जुड़ा मामला, पशु पालकों में जागरुकता का बना अभाव

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो