
Half of the academic sessions children did not find books in nagaur
देवेन्द्र प्रताप सिंह/ नागौर. शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली निराली है। सरकारी स्कूलों में कमजोर बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए विभाग विभिन्न माध्यमों से प्रयास रहा है। करीब दो महीने पहले विभाग के उच्चाधिकारी ने आदेश जारी कर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि गत वर्ष पांचवीं कक्षा में बी, सी व डी ग्रेड प्राप्त विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर मजबूत करने के लिए कक्षा ६ में उनके लिए अलग से विशेष कक्षाएं संचालित की जाए। हालत यह हैं कि कक्षाएं लगना तो दूर आधा सत्र बीतने के बाद भी बच्चों को ये किताबें तक नहीं मिल पाई हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बार आदेश जारी करने से यह लगता है कि इस बार शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाकर ही रहेंगे, लेकिन हालात ढाक के तीन पात हैं। एेसे में कमजोर बच्चों को होशियार करने का दावा कर अपनी छवि सुधारने की कोशिश करने वाले उन विभागीय अधिकारियों की मशक्कत धरी रह गई।
37142 हजार पुस्तकें होंगी वितरित
जिले में 5वीं कक्षा के ग्रेड बी, सी व डी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को करीब 37 हजार पुस्तकें दी जाएगी। इसमें 5304 अंग्रेजी विषय की पुस्तकें होंगी, जबकि 5314 हिन्दी, 4871 गणित व पर्यावरण अध्ययन की 2781 किताबें बच्चों को दी जाएगी। इसमें चारों विषयों की प्रोग्राम एण्ड अचीवमेंट नाम की 18571 बुक भी शामिल हैं। इसके अलावा इन बच्चों को 18571 वर्क बुक भी मुहैया करवाई जाएंगी। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से समस्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों से पिछले वर्ष पांचवी कक्षा में बी, सी व डी ग्रेड प्राप्त बच्चों की सूची मंगवाई जाएगी। सूची के आधार पर किताबें दी जाएंगी।
टेंण्डर प्रक्रिया हो पूरी तो मिले किताबें
प्रारम्भिक शिक्षा परिषद के आयुक्त डॉ. जोगाराम की ओर से जारी आदेशों में कहा गया था कि सर्वशिक्षा अभियान की ओर से स्कूलों में कक्षा ६ के विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जानी हैं। लेकिन अब तक किताबें नहीं मिल पाने से यह योजना शुरूआती दौर में ही दम तोड़ती दिखाई दे रही है। हालांकि यह बताया जा रहा है कि करीब दस दिन पहले किताबें नागौर मुख्यालय पहुंच चुकी है, लेकिन किताबों को जिले भर में पहुंचाने के लिए मालवाहक वाहन का टेंण्डर किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बच्चों को किताबें वितरित करवा दी जाएंगी। टेण्डर प्रक्रिया चल रही है।
सितम्बर से शुरू होनी थी कक्षाएं
जिला स्तरीय प्रारम्भिक मूल्यांकन परीक्षा परिणाम में बी, सी व डी ग्रेड प्राप्त विद्यार्थी व कक्षा 6 में नवीन प्रवेश या ड्राप आउट होने के कारण जिनका शैक्षिक स्तर कक्षा 5 के स्तर से न्यून है। ऐसे छात्र-छात्राओं को इस योजना में शामिल किया गया है। योजना में विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षण कार्य सितम्बर से नियमित न्यूनतम 70 दिन तक कक्षा का संचालन किया जाना था। इनमें विशेष शिक्षण कालांश के लिए विद्यालय स्तर पर ग्रीष्मकालीन में सुबह 7.30 से 8.30 बजे एवं शीतकालीन में सुबह 9 से 10 बजे तक समयावधि तय की गई है। प्रत्येक कालांश की अवधि विद्यालयों में संचालित विषयों की संख्या के आधार पर 30 से 60मिनट की विषयवार रहेगी। स्पेशल क्लास ऑफ सिक्स की गतिविधि के प्रभावी संचालन के लिए संबंधित पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) की ओर से नियमित अवलोकन भी किया जाना था।
मुख्यालय पहुंच गई है
कक्षा पांचवी में बी, सी व डी ग्रेड प्राप्त बच्चों का शिक्षा स्तर उठाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसके लिए किताबें मुख्यालय पहुंच गई है।
गोपाल प्रसाद मीणा, एडीपीसी, एसएसए, नागौर
Published on:
25 Nov 2017 10:56 am
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