जेएलएन अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर पत्रिका टीम ने सोमवार को कैमरे की दृष्टि डाली तो स्थिति काफी चिंताजनक मिली। जेएलएन अस्पताल ड्यूटी बोर्ड में रविवार की तारीख 13 मई लिखी हुई थी, पीएमओ के बारे में पूछने पर कर्मचारी बोले कि उन्हें ही पता नहीं है। यह बात भी सामने आई कि जब से डॉ. अपूर्व कौशिक सेवानिवृत्त हुए हैं, कोई भी सीनियर डॉक्टर पीएमओ का चार्ज लेने को तैयार नहीं है। जिसके कारण अस्पताल की व्यवस्था बेपटरी है।
जेएलएन की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) यूनिट में यूं तो करीब 10 डॉक्टर हैं, जिसमें चार शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और छह गायनिक हैं, लेकिन सोमवार को आउटडोर में एक भी चिकित्सक नहीं दिखा। मरीजों ने नर्सिंगकर्मियों से पूछा तो उन्हें एक ही जवाब मिला कि डॉक्टर ओटी (ऑपरेशन थियेटर) में है, जबकि वहां केवल एक डॉक्टर था। बाद में सूत्रों से जानकारी मिली कि ज्यादातर डॉक्टर अवकाश पर हैं। मेड़ता से आई संतोष ने बताया कि वह सुबह 8 बजे अस्पताल आ गई, लेकिन 12 बजे तक आउटडोर में एक भी डॉक्टर नहीं आया। यही बात गोगेलाव से आई विमला ने बताई। 12 बजे प्रथम पारी का समय पूरा होने पर मरीज निराश होकर निजी अस्पतालों में चले गए।
कोई नहीं बैठे तो क्या कर सकते हैं
पत्रिका – जेएलएन अस्पताल के पीएमओ का चार्ज आपके पास है?
पीएमओ – नहीं, खत्री साहब के पास है।
पत्रिका – आज किसके पास था?
पीएमओ – खत्री साहब कोर्ट के काम से जोधपुर गए हुए थे और मैं अहमदाबाद जा रहा हूं, 7 बजे बाद मेरे पास नहीं है। बताओ, क्या हुआ?
पत्रिका – एमसीएच यूनिट में आज कोई डॉक्टर नहीं था।
पीएमओ – कोई बात नहीं, मैं तो क्या बताऊ आपको। ड्यूटी पर तो रविन्द्र सांखला व सरोज मिर्धा थे।
पत्रिका – आउटडोर में कोई नहीं था।
पीएमओ – हां तो वो थियेटर में चले गए होंगे, वो भी तो जनता का ही काम है।