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पत्रिका स्वर साधना कार्यक्रम में गायक सैन ने दी बरस..बरस म्हारा इंदर राजा की प्रस्तुति…

राजस्थान पत्रिका के स्वर-साधना कार्यक्रम में गूंजे अनिल सैन के स्वर

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Rendition of hymns by singer artist

Rendition of hymns by singer artist

नागौर. इंटरनेट पर करोड़ों लोगों के चहेते निकटवर्ती ताउसर निवासी ‘बरस-बरस म्हारा इंदर राजा, तूं बरस्यां म्हारो काज सरै’ गीत के गायक अनिल सैन ने रविवार को बालसमंद स्थित गीतादेवी कड़ेल भवन में राजस्थान पत्रिका तथा भामाशाह किरोड़ीमल कड़ेल परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘स्वर-साधना’ कार्यक्रम में भजनों की प्रस्तुति से समां बांध दिया। गुरूवंदना से गायन की शुरुआत कर अनिल सैन ने अपना प्रसिद्ध गीत ‘बरस-बरस म्हारा इंदर राजा...’, ‘चूरमा’ सहित कई भजन सुनाए। श्रोताओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट व सहगायन से माहौल को उत्साही बना दिया। गायक सैन पत्रिका की ओर से स्थानीय फनकारों के लिए सजाए गए मंच ‘स्वर-साधना’ से अभिभूत नजर आए। उन्होंने कहा कि जब भी रविवार को वह नागौर में होंगे इस कार्यक्रम में जरूर पहुंचेंगे। सैन ने कहा कि अलग-अलग कलाकारों को सुनने से संगीत की कई बारिकियां सीखने को मिलती है। कार्यक्रम में नंदकिशोर कड़ेल, गोविंद कड़ेल, विशाल कड़ेल, हेमंत कड़ेल, सुंदर आदि ने सहयोग किया।

तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे...
कार्यक्रम में कभी राजस्थानी धुनों पर सजे स्वरों ने अपनापन उड़ेला तो कभी फनकारों ने पुराने गानों को स्वरबद्ध कर माहौल में मिठास घोल दी। भजन गायकों ने भक्तिपद सुनाकर आनंदित किया तो युवा गज़ल गायकों ने एक से एक बेहतरीन गज़लें पेश कर माहौल में नजाकत भर दी। करीब साढ़े चार घण्टे चली ‘स्वर-साधना’ में ‘भज नारायण, भज नारायण’, ‘सांवरिया अरज मीरां री सुण रे’ सरिखे भक्तिपद गूंजे, वहीं शब्दों की मादकता और स्वरों की अलग ही कशिश से सजी गज़ल ‘हंगामा है क्यूं बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है’ तथा ‘हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही’ ने मानो माहौल में सुरूर सा भर दिया। जब पुराने गीतों का पिटारा खुलो तो ‘जन्म-जन्म का साथ है तुम्हारा हमारा’, ‘तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे’ सहित एक से एक गीतों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में नन्हीं गायिका श्रद्धा झा, रजनी पुरोहित, प्रीतम भट्ट, दामोदर देवड़ा, मुन्ना सोनी, लक्ष्मीनारायण सोनी, श्रेयांस सिंघवी, श्याम बोराणा, सुजानगढ़ निवासी फूलचंद नायक, प्रकाश भाटी, भजन गायक गोपाल अटल, नरेन्द्र जोशी ‘प्रेमी’, एल.के. झा, कुमरकांत झा, आकाशवाणी कलाकार कैलाश गौड़ तथा नरेन्द्र पारीक ने प्रस्तुतियां दी। इस मौके तबले पर संगीत शिक्षक एल.के.झा, कैलाश गोरमात, नरेन्द्र जोशी, अजय व्यास ने संगत की। कार्यक्रम की शुरुआत युवा गज़ल गायक देवेन्द्र त्रिवेदी ने गणेश वंदना से की।