साजूं निवासी मुकेश साद का यह परिवाद एडवोकेट विक्रम जोशी की ओर से दाखिल किया गया था। इसमें बताया गया कि मुकेश के खाते से किसान बीमा का प्रीमियम 3267 रुपए काटे गए। बार-बार पूछे जाने के बाद भी बैंक ने यह बताया ही नहीं कि किस कम्पनी से यह बीमा कराया गया है। एडवोकेट जोशी ने बताया कि बाद में मुकेश ने मोबाइल के जरिए एप डाउन लोड कर बीमा कम्पनी का तो पता कर लिया पर उसका कार्यालय कहां स्थित है, यह फिर भी मालूम नहीं हुआ। और तो और बीमा क्लेम तो स्वीकार कर लिया गया पर खाता संख्या गलत दर्ज करने के चलते क्लेम की राशि ही स्वीकार नहीं हुई। बैंक की ओर से दलील दी गई कि उसका कोई विवाद नहीं है, उपभोक्ता और बीमा कम्पनी के बीच हो सकता है।
आयोग अध्यक्ष दीनदयाल प्रजापत व सदस्य चंद्रकला व्यास ने पूरी सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि सांजू स्थित मरुधरा ग्रामीण बैंक के परिवादी को उपभोक्ता सेवाओं में गलती से शारीरिक-मानसिक के साथ आर्थिक रूप से भी क्षति हुई है। इस पेटे बैंक उसे पचास हजार रुपए का जुर्माना अदा करे। साथ ही परिवाद व्यय के सात हजार रुपए अलग से दिए जाएं। यह राशि नौ फीसदी ब्याज दर से एक माह में चुकाई जाए।
मोबाइल बिल के आधार पर पकड़े गए चोर की जमानत अर्जी खारिज नागौर. घर से लाखों के जेवरात चोरी मामले में अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-1 देव कुमार खत्री ने हेतराम सियाग उर्फ राकेश की जमानत अर्जी पर यह फैसला दिया। करीब दो माह पूर्व श्रीबालाजी थाने में स्थानीय निवासी खुमाराम ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि उसके अलाय वाले मकान में अपने भतीजे भूराराम को एक कमरा किराए पर दे दिया, पास ही उसके मकान का निर्माण कार्य चल रहा था। भूराराम व उसके घर से 31 अगस्त की रात लाखों के जेवरात चोर ले भागे। बाद में पुलिस ने हेतराम सियाग उर्फ राकेश को गिरफ्तार किया।
हेतराम की जमानत याचिका पर उसके वकील का कहना था कि आरोपी को झूठा फंसाया जा रहा है। उस पर ऐसा कोई अपराध नहीं है जिस पर आजीवन कारावास अथवा मृत्युदण्ड की सजा का प्रावधान हो। आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में है, अनुसंधान में अभी समय लगेगा, ऐसे में उसे जमानत दे दी जाए। अपर लोक अभियोजक अनिल गौड़ ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि हेतराम उर्फ राकेश पर मकान का ताला तोड़कर सोने-चांदी के जेवरात चुराने का अपराध प्रमाणित पाया गया । हेतराम पर पहले ही सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे में उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाए।
सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-1 देव कुमार खत्री ने हेतराम की जमानत अर्जी खारिज कर दी। मोबाइल बिल से पकड़ा गया था हेतराम उस समय भूराराम के मकान निर्माण में मजदूरी का काम करता था। वारदात के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो चारपाई पर पड़ी एक थैली में मोबाइल का बिल मिला जो हेतराम के नाम था। यह बिल बीकानेर की दुकान का था। हेतराम ने दो-तीन अन्य साथियों के साथ चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इसी बिल के आधार पर ही हेतराम पकड़ा गया।