Nagaur. बंद पेंशन गीतादेवी को फिर से मिलना चालू होगी, खाद्यान्न भी मिलेगा
-जांच में सामने आया कि केवाईसी नहीं हो पाने की वजह से पेंशन बंद हो गई थी
-खबर प्रकाशन के बाद हरकत में आया प्रशासन, टीम पहुंची गीतादेवी के पास, ली उनके हालात की जानकारी, मौके पर ही केवाइसी की प्रक्रिया संपादित कराई गई, खाद्यान्न की व्यवस्था भी कराई गई
-राजस्थान पत्रिका की खबर का असर
नागौर. गीता देवी को अब न तो भूख से संकट का सामना करना पड़ेगा, और न ही पेंशन के लिए उनको कहीं भटकना पड़ेगा। उनको पेंशन भी पहले की तरह ही मिलेगी। उल्लेखनीय है कि गीता देवी के समक्ष खाद्यान्न संकट एवं पेंशन नहीं मिलने का मामला राजस्थान पत्रिका के बुधवार को प्रकाशित खबर में प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गए। उपखण्ड अधिकारी सुनील कुमार ने पूरे मामले की जांच एवं गीतादेवी की वस्तुस्थिति को देखने के लिए प्रशासनिक कर्मचारियों की टीम भार्गव मोहल्ला पहुंची। प्रशासनि कर्मचारियों की टीम ने भार्गव मोहल्ला पहुंचकर गीतादेवी की तलाश की। इसके बाद स्थानीय क्षेत्रवासियों के साथ प्रशासनिक टीम गीतादेवी से रूबरू हुई। टीम ने उनकी घायल हालत देखी, और घर की वस्तुस्थिति देखने के साथ ही उनको पेंशन नहीं मिलने एवं खाद्यान्न संकट वाले प्रकरण की भी छानबीन की। पड़ताल के दौरान सामने आया कि गीतादेवी का फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हो पा रहा था। मिलान नहीं होने के कारणों की जांच के दौरान सामने आया कि अत्याधिक उम्र की वजह से उनके हाथों के फिंगरप्रिंट मिट गए थे। इसके साथ ही आंखों में होने वाली आईरिश भी कैमरे में नहीं आ पाई थी। इसकी वजह से केवाईसी नहीं हो पा रही थी।सही वस्तुस्थिति सामने आने के बाद इसकी जानकारी टीम के सदस्यों ने मौके पर ही एसडीएम सुनील कुमार को दी। जानकारी मिलने पर सुनील कुमार ने टीम के सदस्यों को इसकी पूरी प्रक्रिया मौके पर ही कराने के निर्देश दिए। एसडीएम सुनील कुमार के निर्देश पर टीम के सदस्यों ने केवाईसी की प्रक्रिया संपादित कराई।
यह था पूरा मामला
भार्गव मोहल्ला की निवासिनी अस्सी बरस की गीतादेवी की पेंशन गत नौ माह से बंद चल रही थी। खाद्यान्न सुरक्षा योजना में भी अनाज नहीं मिल रहा था। जबकि यह सारी चीजें पहले मिल रही थी। इस दौरान गीतादेवी घायल भी हो गई थी गाय की चपेट में आकर। पेंशन के अभाव के साथ ही खाद्यान्न सुरक्षा का अनाज नहीं मिलने के चलते गीतादेवी के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि क्षेत्र के हरिराम जाखड़ ने इस संबंध में उनकी सहायता की थी, लेकिन फिर भी पूरी सहायता नहीं हो पा रही थी। जाखड़ के माध्यम से यह जानकारी मिलने के बाद पत्रिका टीम खुद ही गीतादेवी से मिलने पहुंची। जहां पर गीतादेवी से बातचीत की गई तो वह रोने लगी थी। उनकी समस्या की जानकारी मिलने के बाद इसे प्रमुख मुद्दे के रूप में प्रकाशित खबर में उठाया गया। इसके बाद जाकर गीतादेवी को न्याय मिल पाया।
खाद्यान्न का प्रबन्ध भी किया गया
खाद्यान्न सुरक्षा योजना का पोर्टल बंद होने के चलते गीतादेवी के खाद्यान्न का प्रबन्ध सामाजिक संस्था साईं सेवा समिति के माध्यम से कराई गई। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल कुछ दिनों तक के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कर दी गई है। आगे भी जरूरत पड़ी तो सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से पोर्टल प्रक्रिया के पूर्ण होने तक चालू रखवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। गुरुवार को साईं सेवा समिति की ओर से आटा, दाल, चावल, शक्कर, तेल, घी, चाय, मिर्च आदि की सामग्री गीतादेवी को उपलब्ध कराई गई।
इनका कहना कहना है...
जांच में सामने आया कि गीतादेवी की पेंशन केवाइसी के अभाव में बंद हो गई थी। इनके फिंगरप्रिंट हाथों से मिट चुके थे। ऐसे में ओटीपी आदि से इनकी केवाइसी की प्रक्रिया संपादित कराई गई। अब गीतादेवी को पूर्व की तरह ही पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही अब खाद्यान्न सुरक्षा योजना का पेार्टल बंद चल रहा है। पोर्टल चालू होने के बाद इसकी भी प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। तब तक के लिए इनके खाद्यान्न की व्यवस्था सामाजिक संस्था के माध्यम से की जाएगी।
सुनील कुमार, उपखण्ड अधिकारी नागौर