संक्रमण से बचाव के लिए मतदान बूथ पर चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थियों के पोलिंग एजेन्ट तथा मतदान कर्मियों की बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए की जाएगी। यदि मतदान कक्ष की संरचना ऐसी है कि जिसमें अभ्यर्थियों के पोलिंग एजेन्ट्स को अंदर बिठाने से सामाजिक दूरी की पालना संभव नहीं है तो अपने कक्ष से बाहर इस तरह बिठाया जाएगा कि कक्ष के अंदर की कार्यवाही उनके द्वारा देखी जा सके और आवश्यकता पडऩे पर पीठासीन अधिकारी से बात की जा सके।
मतदान केन्द्र पर मतदान दल एवं मतदाताओं द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर ऐसे कार्मिक को तुरन्त प्रभाव से अन्य कार्मिक को अलग कर दिया जाए। नोडल अधिकारी द्वारा ऐसे कार्मिक का कोविड परीक्षण करवाया जाए। परीक्षण के परिणाम की सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को दी जाए। अभ्यर्थियों द्वारा मतदान केन्द्र के बाहर बनाए जाने वाले बूथ पर सेनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी एवं मतदाताओं की सहायता के कार्य में संलग्न व्यक्तियों द्वारा पूरे समय मॉस्क का उपयोग किया जाएगा। ऐसे बेथ पर अनावश्यक भीड़ नहीं हो, इसके लिए एक बार में केवल एक मतदाता ही खड़ा हो सकेगा। कोविड-19 के संबंध में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना की जाएगी। इन बूथों पर किसी भी तरह की प्रचार सामग्री नहीं रखी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त रिटर्निंग अधिकारियों, एरिया मजिस्ट्रेट, सहायक एरिया मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों को उक्त गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग गाइडलाइन के मुख्य बिन्दू पहचान पत्र दिखाने पर ही मिलेगा मतदान केन्द्र में प्रवेश
जिले की चार पंचायत समितियों में 23 नवम्बर को होने वाले प्रथम चरण के मतदान में मतदाता को अपनी पहचान के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई मतदाता अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो उसे अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए 12 अन्य वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। यह पहचान पत्र निर्वाचन बूथ के बाहर ड्यूटी पर तैनात कार्मिक या बीएलओ को दिखाने के बाद ही बूथ के अंदर प्रवेश दिया जाएगा।