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Digital Arrest करने वाली गैंग का भंडाफोड़, 105 भारतीय समेत 3075 नागरिक गिरफ्तार

कंबोडिया के 138 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान 105 भारतीय, 1,028 चीनी, 693 वियतनामी, 366 इंडोनेशियाई, 101 बांग्लादेशी, 82 थाई, 57 कोरियाई नागरिक गिरफ्तार किए गए। भारत सरकार अपने नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया में जुट गई है।

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Jul 24, 2025

Digital Arrest: कंबोडिया (Cambodia) में ऑनलाइन स्कैम करने वाले गैंग का भंडोफोड़ हुआ है। कंंबोडियाई सरकार ने भारत सरकार की अपील पर देश भर में छापेमारी की। इस दौरान 3075 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 105 भारतीय (Indians) भी शामिल हैं। जिन्हें भारत लाने की प्रक्रिया जारी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि कंबोडिया में बड़े स्तर पर डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का खेल चल रहा है। वहां बैठे साइबर फ्रॉड भारत में लोगों को चूना लगा रहे हैं। इसके बाद भारत सरकार ने कंबोडिया की सरकार से कार्रवाई की अपील की थी।

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1028 चीनी नागरिकों की भी हुई गिरफ्तारी

जानकारी के मुताबिक, कंबोडिया के 138 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई। गिरफ्तार आरोपियों में 1,028 चीनी, 693 वियतनामी, 366 इंडोनेशियाई, 101 बांग्लादेशी, 82 थाई, 57 कोरियाई, 81 पाकिस्तानी, 13 नेपाली और 4 मलेशियाई नागरिक शामिल हैं। वहीं फिलीपींस, नाइजीरिया, म्यांमार और युगांडा के लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है।

साइबर क्राइम के तार कई देशों से जुड़े

कंबोडिया की पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, ड्रग्स, हथियार, गोलियां, चाइनीज और भारतीय पुलिस की फर्जी वर्दी, ड्रग्स प्रोसेसिंग मशीनें जब्त की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस गोरखधंधे में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, साइबर रैकेट के तार कंबोडिया के अलावा दूसरे देशों से भी जुड़े हो सकते हैं। इसकी जांच की जा रही है।

7000 करोड़ का चपत लगा चुके साइबर फ्रॉड

गृह मंत्रालय एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि साल 2025 के शुरुआती पांच महीनों में साइबर ठगों ने भारतीयों को 7 हजार करोड़ रुपए की चपत लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक 7000 करोड़ में से आधी से ज्यादा राशि कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (South East Country) से संचालित हो रहे घोटालेबाजों के हाथों में गई। बताया जाता है कि लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में साइबर फ्रॉड का पूरा गिरोह चीनी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। यहां मानव तस्करी के शिकार भारतीय लोग भी हैं। जिन्हें जबरन काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

Updated on:
24 Jul 2025 10:03 am
Published on:
24 Jul 2025 06:34 am
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