Ahmedabad Plane Crash की जांच पर पायलट एसोसिएशन ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि पायलटों को दोषी मानकर जांच की जा रही है।
अहमदाबाद (Ahmedabad) में 12 जून को हुए एयर इंडिया (Air India) के विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पायलट एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। पायलट एसोसिएशन ने कहा कि जांच पायलटों को दोषी मानकर की जा रही है। हमें जांच के इस ऐंगल से आपत्ति है।
पायलट एसोसिएशन के अध्यक्ष सैम थॉमस ने कहा कि हमें प्रारंभिक रिपोर्ट की एक कॉपी मुहैया कराई गई है। यह AAIB (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) द्वारा जारी की गई है। उन्होंने कहा कि जांच दल में योग्य कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि समिति की जांच रिपोर्ट एक खास मीडिया समहू तक कैसे पहुंची। उन्होंने जांच में पूरी तरह से पारदर्शिता लाए जाने की मांग की है।
सैम ने कहा कि प्रारंभिक दस्तावेज से पता चलता है कि एक पायलट ने पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया। दूसरे ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया है। इससे पता चलता है कि एक पायलट ने इसे नोटिस किया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह हादसा केवल तकनीकी खराबी तक सीमित है। हम इसकी तह तक जाएंगे और हर पहलू की गहन जांच करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस हादसे की निष्पक्ष और विस्तृत जांच के लिए प्रतिबद्ध है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को 15 पन्नों की रिपोर्ट सार्वजनिक की। प्रारंभिक जांच के मुताबिक हादसा विमान (Plane Crash) के दोनों इंजन के बंद होने के कारण हुआ था।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक टेकऑफ (Takeoff) के तुरंत बाद एक-एक करके दोनों इंजन बंद हो गए। इस दौरान कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि क्या तुमने इंजन बंद किया। जवाब मिला- मैंने नहीं किया। इसके कुछ ही देर बाद विमान मेडिकल कॉलेज की एक बिल्डिंग से टकरा गया। इसमें 280 से अधिक लोग मारे गए। जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। विमान में सवार सिर्फ एक शख्स जिंदा बचा।