राष्ट्रीय

Amarnath Yatra 2025: हर मोड़ पर मुस्तैद जवान, श्रद्धालुओं को मिल रही हर संभव मदद

Amarnath Yatra 2025: चंदनवाड़ी हो या बालटाल से पवित्र गुफा तक का मार्ग, जो कई स्थानों पर जोखिम भरा है, वहां सेना ने न सिर्फ निगरानी बढ़ाई है।

2 min read
Jul 07, 2025
अमरनाथ यात्रा में सेना बनी सुरक्षा और सेवा की मिसाल (Photo-Patrika)

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा इस बार न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक बनकर सामने आई है, बल्कि सुरक्षा और सेवा के लिहाज से भी मिसाल पेश कर रही है। यात्रा मार्ग के हर चप्पे पर सेना की तैनाती है और इस बार की तैनाती सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं रही-बल्कि हर सैनिक एक चलते-फिरते सहायता केंद्र की भूमिका निभा रहा है। पहले जहां सुरक्षा का मतलब सिर्फ निगरानी और तलाशी तक सीमित था, अब वह सेवा, संवाद और सहयोग का नया चेहरा बन चुकी है। श्रद्धालुओं के लिए न सिर्फ सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं, बल्कि मेडिकल सुविधा, ऑक्सीजन की उपलब्धता, पूछताछ और मार्गदर्शन तक-हर मोर्चे पर सेना सक्रिय नजर आ रही है।

ऑक्सीजन से लेकर रास्ता बताने तक मदद

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर उच्च ऊंचाई की वजह से कई स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी से श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी। इसे देखते हुए सेना ने विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन केंद्र स्थापित किए हैं। केंद्र सरकार ने जवानों को निर्देश दिया है कि किसी भी यात्री को कठिनाई होने पर तुरंत मदद पहुंचाई जाए।

हेल्प पोस्ट्स से हो रही सुविधा

चंदनवाड़ी हो या बालटाल से पवित्र गुफा तक का मार्ग, जो कई स्थानों पर जोखिम भरा है, वहां सेना ने न सिर्फ निगरानी बढ़ाई है बल्कि हर कुछ किलोमीटर पर ‘हेल्प पोस्ट’ भी बनाए हैं। इन पोस्ट्स पर तैनात जवान न सिर्फ रास्ता बताते हैं, बल्कि बुजुर्गों और बीमारों की सहायता भी करते हैं।

'जो ज़हर खाएगा वही मरेगा': बदली हुई नीति का असर

घाटी में सेना और कश्मीरी के बीच का द्वंद्व भी कम होता नजर आने लगा है। सेना और प्रशासन की नीति में आए बदलाव का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। पहले जहां एक की गलती पर पूरे गांव को संदेह की निगाह से देखा जाता था, अब अपराधी और आम नागरिक में फर्क किया जा रहा है। इस फ़र्क को बतलाने वाले घोड़ा मालिक नूर भट कहते हैं कि इस बदलाव के बाद कश्मीरी जुबान में कहते हैं-“जो ज़हर खाएगा वही मरेगा।”

70000 कर चुके बाबा के दर्शन

सुरक्षा घेरे के बीच 8,600 से अधिक तीर्थयात्रियों का छठा जत्था सोमवार तड़के जम्मू के आधार शिविर से यात्रा के लिए रवाना हुए। इस 38 दिवसीय यात्रा कार्यक्रम में अब तक 70000 से अ​धिक यात्री बर्फानी बाबा के दर्शन कर चुके हैं। यह यात्रा कार्यक्रम 3 जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल से शुरू हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि 8,605 तीर्थयात्रियों का छठा जत्था 372 वाहनों में सवार होकर तड़के 3.30 बजे और 4.25 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर स्थित दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। इनमें 6,486 पुरुष, 1,826 महिलाएं, 42 बच्चे और 251 साधु-साध्वियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहला तीर्थयात्री काफिला 166 वाहनों में 3,486 तीर्थयात्रियों को लेकर गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे छोटे लेकिन खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से रवाना हुआ, जिसके बाद 206 वाहनों में 5,119 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा पर निकला।

Published on:
07 Jul 2025 07:50 pm
Also Read
View All

अगली खबर