- सैन्य कमांडर सम्मेलन में जताई पूरी दुनिया अनिश्चितता के हालात पर चिंता
नई दिल्ली। एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध और दूसरी ओर इजरायल व आतंकी संगठन हमास के बीच चल रही जानलेवा झड़पों की ओर इशारा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेनाओं से किसी भी प्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
राजनाथ ने बुधवार को यहां सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया की मौजूदा जटिल व अनिश्चितता वाली स्थितियां वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं। दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों से साफ दिख रहा है कि हाइब्रिड, गैर-परंपरागत और असंयमित युद्ध भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होगा। ऐसे में सशस्त्र सेनाओं के लिए रणनीति व योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। अतीत में घटी और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य से सीखते हुए किसी अप्रत्याशित स्थिति के अनुरूप रणनीति बनाकर तैयारी करनी होगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध की तैयारी एक सतत घटना होनी चाहिए और सेना के किसी भी समय सामने आने वाली अनिश्चितताओं के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। हमें अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकियों को सुदृढ़ बनाना चाहिए ताकि जहां भी आवश्यकता हो, प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके।
हाईब्रिड मोड पर गत 16 अक्टूबर को शुरू हुआ सम्मेलन पांच दिन चलेगा। इसमें थल सेना के शीर्ष कमांडर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
चीन से जारी रहेगी बातचीत
देश की उत्तरी सरहद पर चीन से सटे इलाकों में तनाव की ओर इशारा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी स्तरों पर चल रही बातचीत जारी रहेगी। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारी पर भरोसा जताते हुए उन्होंने दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद उत्तरी व पश्चिम सीमा पर सड़क व संचार प्रणाली का मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए सीमा सड़क संगठन की सराहना की।
सीमा पार से जारी है छद्मयुद्ध
राजनाथ ने जम्मू-कश्मीर के हालात की चर्चा करते हुए कहा कि सीमा पार से छद्म युद्ध जारी रहने के बावजूद सेना सीमा पार आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। उन्होंने आतंकवाद के खतरे से निपटने में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, पुलिस व सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में कारगर मदद मिली है।