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बिहार में मंत्री के इस्तीफे में गलतियों की भरमार, RJD ने कसा तंज- दो लाइन भी नहीं आता लिखना

Bihar Politics: दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के पत्र में वर्तनी की कई गलतियां सामने आई हैं, जिन्होंने न केवल सुर्खियां बटोरीं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को भी बीजेपी पर तंज कसने का मौका दे दिया।

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Feb 26, 2025

Bihar Politics: बिहार की सियासत आगामी 2025 विधानसभा चुनाव से पहले गर्मा गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार सत्ता में है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुख्य साझेदार हैं। हाल ही में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागलपुर में मुलाकात ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को बल दिया, जिसकी तस्वीर अब लगभग साफ हो चुकी है। आज शाम 4 बजे राज्यपाल नीतीश कैबिनेट के नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इस विस्तार से ठीक पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसका पत्र अपनी वर्तनी की गलतियों के कारण चर्चा में आ गया है।

दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के पत्र में कई शब्दों में त्रुटियां देखने को मिलीं

  1. "बिहार" को "विहार" लिखा गया - सही वर्तनी में "बि" की जगह "वि" लिखा गया।
  2. "सूचित" को "सुचित" लिखा गया - इसमें "सू" के बजाय "सु" लिखा गया, जो हिंदी में गलत है।
  3. "डॉ." को "डा." लिखा गया - "डॉक्टर" का संक्षिप्त रूप "डॉ." होता है, लेकिन "डा." लिखा गया।
  4. "इस्तीफा" को "इस्तिफा" लिखा गया - इसमें "ी" की जगह "ि" का प्रयोग हुआ, जो गलत है।
  5. "कार्रवाई" को "कार्रवायी" लिखा गया - सही शब्द "कार्रवाई" है, लेकिन "वा" और "यी" के प्रयोग से यह गलत हो गया।

आरजेडी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री होने के बावजूद जायसवाल को दो पंक्तियों का त्यागपत्र सही से नहीं लिखना आता, और यह भी जोड़ा कि वे एक मेडिकल कॉलेज के मालिक हैं, फिर भी ऐसी चूक कर रहे हैं।

ये बन सकते हैं मंत्री

इस बीच, मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी कोटे से सात संभावित नाम सामने आए हैं, जिनमें कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सरावगी, जीवेश मिश्रा, मोती लाल और कविता पासवान शामिल हैं। कविता पासवान, जो कोढ़ा से बीजेपी विधायक हैं, मंत्रिमंडल में महिला और दलित चेहरा हो सकती हैं। हालांकि, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे अब इस रेस में पीछे छूटते दिख रहे हैं। यह विस्तार एनडीए की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिश स्पष्ट है।

Published on:
26 Feb 2025 02:17 pm
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