आरोप है कि ट्रेनर महिला अफसरों के उनसे अपने पीरियड के बारे में रजिस्टर में लिखने के लिए कहता है और उन्हें परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। मामले के खुलासे के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम जांच करने वहां पहुंची है। अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार मामला रायपुर के चांखपुरी पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी का है, जहां फिलहाल कई डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनमें महिलाओं की भी काफी संख्या है। ट्रेनी अधिकारियों का आरोप है कि ट्रेनर उन्हें पीरियड के दिनों में लाइन से अलग खड़ा रहने को मजबूर करता है।
बाल पकड़ कर खींचता है ट्रेनर डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी नीलकंठ साहू पर यह आरोप लगाए गए हैं। ट्रेनी अधिकारियों के अनुसार साहू परेड के दौरान महिला अधिकारियों के बाल खींचने से भी परहेज नहीं करता। इसके अलावा स्वीमिंग पूल में अभ्यास करने वाली महिलाओं को गिनती के बहाने अक्सर बाहर बुला लेता है। एक महिला ट्रेनी ने आरोप लगाया कि ट्रेनिंग के दौरान जब वह रायफल लेकर दौड़ रही होती हैं तो वह छड़ी लगाकर वर्दी पर लगा कीचड़ साफ करने के लिए कहता है।
लिखित में की शिकायत ट्रेनर नीलकंठ साहू की इस हरकत के खिलाफ आक्रोशित महिला अधिकारियों ने एक साथ मोर्चा खोल दिया। इस संबंध में बैच की 32 ट्रेनियों ने लिखित शिकायत करते हुए कहा कि वह उनके शोषण का कोई मौका नहीं छोड़ता।
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छेड़छाड़ का कोई मौका नहीं छोड़ता आरोपी एक अन्य ट्रेनी ने बताया कि साहू चिल्लाकर अपने पीरियड की डेट रजिस्टर में लिखने के लिए कहता है। यहां तक की यह भी कहता है कि पिछले महीने तो तुम्हारी डेट इस समय नहीं थी, मेरी पत्नी को तो कभी भी पीरियड के दौरान पेट में दर्द नहीं होता। इसके अलावा एक दिन उसने एक गर्भवती ट्रेनी पर यह कहकर कटाक्ष किया कि तुम्हारा बेबी तो दिखता नहीं है।
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ट्रेनर को भेजा लाइन इधर मामला सामने आने के बाद आनन फानन में साहू को पुलिस हेडक्वार्टर से अटैच करते हुए पुलिस लाइन भेज दिया गया। एकेडमी के निदेशक आनंद कुमार तिवारी से इस संबंध में कोई संपर्क नहीं हो सका। मामला चर्चा में आने के बाद महिला आयोग ने भी पुलिस एकेडमी का दौरा कर ट्रेनी अधिकारियों से बात की। आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडे ने बताया कि आयोग की एक टीम को मामले की पूरी जानकारी के लिए भेजा गया है।
(प्रतीकात्मक चित्र)