
semiconductor chip
वैश्विक चिप निर्माता कंपनियों की निगाहें अब भारतीय प्रतिभाओं की ओर हैं। चिप की बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए जर्मनी की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर चिप निर्माता इंफिनियन, भारत और वियतनाम में बड़े पैमाने पर कुशल श्रमिकों को काम पर रख रही है। भारत में अधिक संख्या में लोगों को काम पर रखकर कंपनी अपने कार्यबल में विस्तार करेगी, जो पहले से ही एशिया में इसका आधार है। जबकि वियतनाम में इसके नए कार्यालय में सैंकड़ों इंजीनियरों को नियुक्त किया जाएगा।
देश में कार्यालयों के लिए जगह तलाश रहीं कंपनियां
चीन और अमरीका के बीच बढ़ते तनाव, वैश्विक सेमीकंडक्टर चिप और तकनीकी आपूर्ति श्रृंखलाओं में दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया के महत्व में वृद्धि से यह रुझान बढ़ा है। भारत पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक्स और कारों में इस्तेमाल होने वाले चिप्स के लिए प्रमुख गंतव्य बनता जा रहा है। जैसे-जैसे भारत में निवेश बढ़ा है, प्रतिभाओं के लिए प्रतिस्पर्धा में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में चिप निर्माता कंपनियां देश में अपने कार्यालयों के लिए नई जगहें तलाशने लगी हैं।
ताइवान को नहीं मिल रहे योग्य उम्मीदवार
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआइए) और ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की पिछले साल आई रिपोर्ट के अनुसार सेमीकंडक्टर उद्योग के केंद्र अमरीका को 2030 तक 67,000 श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ेगा। डेलॉइट ने भी अनुमान लगाया कि यह कमी 70,000 से 90,000 तक हो सकती है। समस्या केवल अमरीका तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि अन्य बाजारों में भी दिखेगी क्योंकि शीर्ष चिप निर्माता ताइवान में कंपनियां फिलहाल योग्य उम्मीदवार खोजने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वहीं मजबूत कार्यबल की क्षमता के साथ भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रमुख योगदान के लिए तैयार है।
भारतीय शिक्षण संस्थानों से हो रही सीधी भर्ती
चिप के परीक्षण और पैकेजिंग में शामिल कंपनियां भी भारत में सक्रिय रूप से नियुक्तियां कर रही हैं। भारत नेे दुनियाभर के आइटी और सेमीकंडक्टर उद्योगों को इंजीनियरिंग प्रतिभा की आपूर्ति करके पिछले तीन दशकों में उल्लेखनीय प्रगति की है। चिप की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 'ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी' भारत के कुछ शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों से सीधे भर्ती करता है। इसके अलावा अमरीकी कंपनियां एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कई सेमीकंडक्टर चिप कंपनियों ने देश में अपनी रिसर्च लैब स्थापित की हैं।
इतनी है वैश्विक हिस्सेदारी
- 20% हिस्सेदारी है वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन वर्कफोर्स में भारतीय इंजीनियरों की
- 2019-2023 के बीच भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग में नौकरियों में सात फीसदी का इजाफा हुआ
- 10 सालों में ऑटोमोटिव और डाटा स्टोरेज उद्योगों की मजबूत मांग से चिप की डिमांड में होगी जबरदस्त वृद्धि
Updated on:
29 Jan 2024 08:54 am
Published on:
29 Jan 2024 08:50 am
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