राजस्थान में सियासी ड्रामा, वफादार विधायकों ने दिया सामूहिक इस्तीफा तो बीजेपी ने ली चुटकी
पार्टी से जुड़े एक सदस्य ने कहा, “उन पर विश्वास करना और उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी देना अच्छा नहीं होगा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने सोनिया गांधी से एक अन्य वरिष्ठ नेता को उम्मीदवार के रूप में नामित करने का आग्रह किया है जो गांधी परिवार के प्रति वफादार है। इसके बाद ही कमलनाथ को तत्काल दिल्ली का बुलावा भेजा गया। हालांकि, इसपर अभी तक पार्टी की तरफ से अधिकारी तौर पर कोई टिप्पणी देखने को नहीं मिली है, लेकिन कांग्रेस में कमलनाथ के कद और उनके अनुभव को देखते हुए, कहा जा सकता है कि कमलनाथ कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में गहलोत को पीछे छोड़ देंगे।
माकन की विधायकों ने की फजीहत, जयपुर में किंगमेकर बने गहलोत, दिल्ली दरबार नाराज
इसके अलावा ये भी चर्चा है कि कांग्रेस अशोक गहलोत के वफादार विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है। दो बार कहने के बदवजूद कांग्रेस पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मिलने में विफल रहने के लिए पार्टी हाई कमान गहलोत के समर्थकों से नाराज है।
बता दें कि अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद और सीएम पद दोनों रखना चाहते थे, लेकिन पार्टी के नियमों के अनुसार उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में गहलोत ने अध्यक्ष पद के लिए ,पर्चा भरने का मन बना लिया लेकिन वो सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता में देखना नहीं चाहते इसलिए अपने पसंदीदा नेता के नाम की सिफारिश कर दी।
उनके इस कदम के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल बढ़ गई। उनके 92 समर्थकों ने भी गहलोत के सुर में सुर मिलाया और बाद में विरोध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी को सामूहिक इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया। विधायकों के इस कदम से गहलोत ने राजस्थान में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर एक तरह से बगवाती तेवर दिखाए हैं जिससे इससे पार्टी हाई कमान काफी नाराज है।