केंद्र के अध्यादेश विवाद पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कांग्रेस संदेश दिया है। केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस को तय करना है कि वह लोकतंत्र, संविधान और देश के 140 करोड़ लोगों के साथ है या पीएम मोदी के साथ।
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और उनसे समर्थन मांगा। केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि पार्टी को तय करना है कि वह लोकतंत्र, संविधान और देश के 140 करोड़ लोगों के साथ है या पीएम मोदी के साथ। इससे पहले केजरीवाल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से चेन्नई में मुलाकात की थी। सीएम स्टोरी ने आश्वासन दिया था कि उनकी पार्टी राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ मतदान करेगी।
दिल्ली के लोगों से छीन लिए गए लोकतांत्रिक अधिकार
केजरीवाल ने शुक्रवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस ने कहा कि पिछले महीने दिल्ली की जनता के साथ घोर अन्याय हुआ। उनका अपमान किया गया। दिल्ली के लोगों से लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए।
'दिल्ली में काम नहीं करने दे रही मोदी सरकार'
दिल्ली सीएम ने कहा कि 11 मई को एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई सरकार के पास शक्तियां होंगी। दुर्भाग्य से 19 मई को सरकार ने अध्यादेश लाकर आदेश को दरकिनार कर दिया। मोदी सरकार ने कहा कि वे चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देंगे।
यह भी पढ़ें- अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने तमिलनाडु पहुंचे अरविंद केजरीवाल, CM एमके स्टालिन से मिले
ममता, स्टालिन, उद्धव ठाकरे सहित इन नेताओं से कर चुके हैं मुलाकात
आपको बता दे कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने 23 मई को अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन लेने के लिए देशव्यापी दौरे की शुरुआत कर दी है। आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अब तक पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं।
यह अध्यादेश लोकतंत्र की नींव पर हमला
केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश अब संसद में जाएगा। भाजपा के पास लोकसभा में बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में उसके पास 238 में से केवल 93 सदस्य हैं। इसलिए यदि सभी गैर-भाजपा दल एक साथ आते हैं, तो यह विधेयक पास होने से रोका जा सकता है। उन्होंने अध्यादेश को लोकतंत्र की नींव पर हमला कहा। इसके साथ ही सभी दलों से इसके खिलाफ एक साथ आने का आग्रह किया।