सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति, गवाहों को कर सकते है प्रभावित – हाईकोर्ट
जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने AAP नेता मनीष सिसोदियो को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि उनके खिलाफ लगे आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके जमानत पर रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
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हाई कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रखा था
बेल मामले में निचली अदालत के फैसले को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 11 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसोदिया ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 रद्द हो गई है। इस मामले मनीष सिसोदिया से कई दौर की बातचीत के बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया। निचली अदालत के 31 मार्च के आदेश सिसोदिया ने हाईकोर्ट को चुनौती दी थी।
आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया सूत्रधार – निचली अदालत
निचली अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया सूत्रधार थे। और उन्होंने दिल्ली सरकार में रहते हुए और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपए की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण व प्रमुख भूमिका निभाई। सिसोदिया इस मामले से जुड़े धन शोधन के मामले में भी हिरासत में हैं। यह भी पढ़ें – दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 25 मई तक बढ़ी
मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका
दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। AAP की ओर से कहा गया कि जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की जाएगी। यह भी पढ़ें – मनीष सिसोदिया समेत 4 को समन जारी, कोर्ट ने CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान
हाई कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रखा था
बेल मामले में निचली अदालत के फैसले को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 11 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसोदिया ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 रद्द हो गई है। इस मामले मनीष सिसोदिया से कई दौर की बातचीत के बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया। निचली अदालत के 31 मार्च के आदेश सिसोदिया ने हाईकोर्ट को चुनौती दी थी।
आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया सूत्रधार – निचली अदालत
निचली अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया सूत्रधार थे। और उन्होंने दिल्ली सरकार में रहते हुए और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपए की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण व प्रमुख भूमिका निभाई। सिसोदिया इस मामले से जुड़े धन शोधन के मामले में भी हिरासत में हैं। यह भी पढ़ें – दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 25 मई तक बढ़ी
मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका
दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। AAP की ओर से कहा गया कि जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की जाएगी। यह भी पढ़ें – मनीष सिसोदिया समेत 4 को समन जारी, कोर्ट ने CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान