कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह के बाद वह मुख्यमंत्री पद की रेस से पीछे हट गए थे।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पाने के बाद सरकार का गठन कर लिया। सिद्दारमैया एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद दिया गया। हालांकि चुनाव नतीजों के बाद माना जा रहा था कि डीके शिवकुमार को सीएम की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नहीं बन पाने पर डीके शिवकुमार ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी है। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह के बाद वह मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर हो गए और ‘धैर्य’ रखने का फैसला किया।
शिवकुमार ने बताया सीएम रेस से क्यों हटे पीछे
शिवकुमार ने शनिवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप लोगों की इच्छा थी कि मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देखें वह कभी झूठी नहीं होगी। बस थोड़ा धैर्य रखना है। एक सभा को संबोधित करते हुए डीप्टी सीएम ने कहा कि आप लोगों ने मुझे अधिक संख्या में वोट दिए। क्योंकि आप लोग चाहते थे कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। लेकिन अब फैसला हो चुका है। इसमें अब कुछ नहीं कर सकते।
मतदाताओं से कहा-धैर्य के साथ इंतजार करें
डीप्टी सीएम ने कहा कि दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुझे धैर्य रखने की सलाह दी गई। मैं बड़ों की सलाह को सिर झुकाकर मान रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री के पद पर देखने की आप लोगों की इच्छा कभी गलत नहीं होगी। बस थोड़ा सा धैर्य बनाए रखना होगा।
सिद्धरमैया और शिवकुमार थे सीएम पद के प्रबल दावेदार
आपको बता दें कि हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 135 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस की शानदार जीत के साथ राज्य में गठित सरकार में सिद्धरमैया मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बनाए गए। हालांकि दोनों नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
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