Longest Platform: भारत में कई छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं लेकिन उनमें से कुछ ही अपनी विशिष्टता और विशेष सुविधाओं के कारण अलग पहचान बनाते हैं। ऐसा ही एक स्टेशन है जिसके नाम सबसे लंबा स्टेशन प्लेटफार्म के रुप में दर्ज है।
भारत में रेलवे स्टेशनों का महत्व न केवल यातायात की दृष्टि से है, बल्कि वे अपने आप में एक सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र भी होते हैं। भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो देश के हर कोने को जोड़ता है। इन स्टेशनों के माध्यम से न केवल यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर माल और कमर्शियल गतिविधियां भी संचालित होती हैं। भारत में कई छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं लेकिन उनमें से कुछ ही अपनी विशिष्टता और विशेष सुविधाओं के कारण अलग पहचान बनाते हैं। आज एक ऐसे ही स्टेशन के बारे में जानेंगे जो अपनी लंबाई, आधुनिकता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
-भारत का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन हुबली जंक्शन, जिसे आधिकारिक तौर पर श्री सिध्दारूढ़ स्वामीजी हुबली जंक्शन के नाम से जाना जाता है, कर्नाटक के हुबली शहर में स्थित है। यह स्टेशन दक्षिण-पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आता है और इसकी देखरेख भारतीय रेलवे करती है। यह स्टेशन लगभग 415 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका प्लेटफॉर्म दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्मों में से एक है, जिसकी लंबाई 1,507 मीटर है। यहां पर 8 प्लेटफॉर्म और 14 ट्रैक हैं, जो विभिन्न दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों के संचालन को सुगम बनाते हैं। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण और बिजी स्टेशनों में से एक है। हुबली जंक्शन एक जरुरी कमर्शियल और बिजनेस हब है। यह स्टेशन मुख्य रुप से यात्री और माल परिवहन के लिए उपयोग होता है। हुबली जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और यहां से औसतन 60,000 से 70,000 यात्री यात्रा करते हैं। यह लंबा प्लेटफॉर्म 2021 में शुरू किया गया था और इससे स्टेशन की क्षमता बढ़ गई है जिससे यह ज्यादा ट्रेनें और यात्री संभाल सकता है।
-हुबली जंक्शन का इतिहास बहुत पुराना है। यह स्टेशन 1880 के दशक में स्थापित किया गया था और तब से यह कर्नाटक के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक रहा है। प्रारंभ में, यह स्टेशन मुख्य रूप से माल परिवहन के लिए उपयोग किया जाता था। हुबली उत्तर कर्नाटक जिले का व्यापारिक केंद्र और व्यवसाय केंद्र है। यह कपास, मूंगफली और मिर्च जैसी पैदावार में प्रांतीय कृषि क्षेत्र हैं। यहां से इन कृषि उत्पादो का परिवहन पुरे देश में होता है, इस लिए भी हबली जंक्शन एक प्रमुख स्टेशन है। लेकिन समय के साथ, यह यात्री परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण हो गया।
संरचना और इन्फ्रास्ट्रक्चर -हबली जंक्शन का प्लेटफॉर्म 1,507 मीटर लंबा है, जो इसे दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफार्मों में से एक बनाता है। इस प्लेटफॉर्म की लंबाई के कारण यहां पर बड़ी संख्या में ट्रेनें आसानी से आ-जा सकती हैं। हबली जंक्शन पर यात्रियों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर वेटिंग रूम, रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, वाई-फाई, और स्वच्छता सुविधाएं हैं। वेटिंग रूम में यात्रियों के बैठने के लिए आरामदायक कुर्सियाँ और टेलीविजन की सुविधा है। रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया में यात्रियों के लिए विभिन्न प्रकार के भोजन और पेय पदार्थ उपलब्ध हैं। वाई-फाई की सुविधा यात्रियों को इंटरनेट का उपयोग करने में मदद करती है, जिससे वे अपनी यात्रा के दौरान भी जुड़े रह सकते हैं।
-हबली जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। यह स्टेशन मुख्य रूप से यात्री और माल परिवहन के लिए उपयोग होता है। इनमें से कई ट्रेनें भारत के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर, और हैदराबाद को जोड़ती हैं। इसके अलावा, यहां से कई इंटरसिटी और लोकल ट्रेनें भी चलती हैं, जो कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती हैं। स्टेशन पर यात्रियों की संख्या भी काफी अधिक होती है। प्रतिदिन लगभग 60,000 से 70,000 यात्री यहां से यात्रा करते हैं। त्योहारी सीजन और छुट्टियों के दौरान यह संख्या और भी बढ़ जाती है।
आर्थिक प्रभाव -हबली जंक्शन से भारतीय रेलवे को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, स्टेशन ने लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया। इस स्टेशन का आर्थिक प्रभाव न केवल रेलवे के लिए, बल्कि पूरे कर्नाटक राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्टेशन के माध्यम से माल का परिवहन भी बड़ी मात्रा में होता है, जिससे विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
-हबली जंक्शन पर सफाई और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। स्टेशन पर नियमित रूप से सफाई अभियान चलाए जाते हैं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसके अलावा, स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, जिससे स्टेशन परिसर की निगरानी की जाती है। यात्रियों की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने के लिए स्टेशन पर फायर सेफ्टी उपकरण भी लगाए गए हैं।