सीस्मोग्राफ से मापा जाता है भूकंप
भूकंप को सीस्मोग्राफ से मापा जाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है अथवा संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 रिक्टर की तीव्रता से आने वाला भूकंप सामान्य होता है। 7 रिक्टर से आने वाला भूकंप ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला होता है।
रविवार-सोमवार के बीच रात में भी कांपी थी धरती
भूकंप विज्ञान के लिए राष्ट्रीय केंद्र के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत में रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को 30 मिनट के अंदर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए थे। बताया जा रहा है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 और 3.8 आंकी गई थी। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली थी।
22 दिसम्बर को भी आया था भूकंप
आपको बता दें कि इससे पहले 22 दिसंबर को भी सुबह अरूणाचल प्रदेश के पेंगीन के निकट रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र पेंगीन से 169 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व (NNE)में था। भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 4:06 बजे सतह से 111 किलोमीटर की गहराई में आया था। इससे पहले 2 अक्टूबर को भी अरुणाचल प्रदेश में भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई थी। भूकंप विज्ञान के लिए राष्ट्रीय केंद्र के अनुसार, भूकंप सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर आया था और इसका केंद्र बसर रहा था।