गूगल के वकील ने कोर्ट को जानकरी की कि, ईरानी ने उन्हें सिर्फ एक URL मुहैया कराया और उसे निष्क्रिय कर दिया गया है। वहीं न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने गूगल की ओर से दायर एक अर्जी पर नोटिस जारी किया और ईरानी से जवाब मांगा।
यह भी पढ़ें – ‘Don’t talk to me’, संसद में स्मृति ईरानी के सवाल से भड़कीं सोनिया गांधी बता दें कि, दिल्ली हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्मृति ईरानी और उनकी बेटी की छेड़छाड़ के जरिए तैयार तस्वीरों के साथ इस तरह की मानहानिकारक सामग्री, वीडियो, पोस्ट, ट्वीट, री-ट्वीट, कैप्शन टैगलाइन को हटाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने इनको भी सामाग्री हटाने का दिया था निर्देश
कोर्ट ने बीते महीने पारित आदेश में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और डिसूजा को स्मृति ईरानी के खिलाफ अपने सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट करने और हटाने को कहा था।
साथ ही गूगल, ट्विटर और मेटा को भी प्लेटफॉर्म से इस तरह की सामग्री या उससे मिलती-जुलती किसी भी चीज को हटाने का आदेश दिया था।
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