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धनखड़ के इस्तीफे को अभय चौटाला ने बताया था मोदी-शाह की साजिश, अब सरकारी बंगला छोड़ उन्हीं के फार्महाउस में रहेंगे पूर्व उपराष्ट्रपति

सरकारी आवास खाली करने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इंडियन नेशनल लोक दल के प्रमुख अभय सिंह चौटाला के निजी फार्महाउस में रहने चले गए है। चौटाला ने धनखड़ के इस्तीफे को मोदी-शाह की साजिश बताया था।

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भारत

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Himadri Joshi

Sep 01, 2025

Jagdeep Dhankar

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( फोटो-एएनआई)

उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लगभग एक महीने बाद आज जगदीप धनखड़ ने उप-राष्ट्रपति आवास खाली कर दिया है। 74 वर्षीय धनखड़ ने 21 जुलाई को उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था और इसके बाद से ही वह सार्वजनिक रूप से एक बार भी नजर नहीं आए थे। सोमवार को वह स्वास्थ कारणों के चलते पहली बार उप राष्ट्रपति आवास से बाहर निकले थे और तभी यह खबरें भी सामने आई थी कि आज ही धनखड़ उन्हें आवंटित सरकारी बंगला भी खाली करने का फैसला लिया है। उन्होंने आज ही यह बंगला खाली कर दिया और वह इंडियन नेशनल लोक दल के प्रमुख अभय सिंह चौटाला के निजी फार्महाउस में रहने चले गए है।

धनखड़ के इस्तीफे को चौटाला ने बताया था मोदी शाह की साजिश

जब तक सरकार की ओर से धनखड़ को आधिकारिक आवास नहीं दिया जाता है, तब तक वह दक्षिण दिल्ली के छत्तरपुर एन्क्लेव में स्थित चौटाला के फार्महाउस में ही रहेंगे। चौटाला ने भी इस बारें में सवाल किए जाने पर इस बात की पुष्टि की थी कि धनखड़ उनके फार्महाउस में शिफ्ट हो रहे है। उन्होंने कहा, हमारे पुराने पारिवारिक संबंध हैं और उन्होंने मुझसे घर नहीं मांगा था बल्कि मैंने खुद उन्हें इसकी पेशकश की है। बता दें कि, धनखड़ के अचानक उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को चौटाला ने पीएम मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह की साजिश बताया था। उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया था कि, मोदी - शाह के नेतृत्व में धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है।

चौटाला ने धनखड़ को बताया परिवार का हिस्सा

मीडिया से बातचीत करते हुए चौटाला ने कहा, जब मुझे पता चला कि धनखड़ जी का अपना घर तैयार नहीं हुआ है और वह तब तक के रहने के लिए घर ढूंढ रहे है तब मैंने उन्हें फोन कर मेरे घर पर रहने का आग्रह किया। यह उनके प्रति एक पारिवारिक सम्मान है और मैं उन्हें अपने बड़े भाई के रूप में देखता हूं। मैंने उनसे कहां कि उन्हें कोई दूसरी जगह देखने की जरूरत नहीं है, यह उनका अपना घर है और उन्हें यहां आना चाहिए। उन्होंने भी विनम्रतापूर्वक मेरा आग्रह स्वीकार कर लिया। चौटाला ने धनखड़ को अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए कहा कि, हम बचपन से धनखड़ जी को जानते है और वह सुख दुख में हमारे परिवार का हिस्सा रहे है।

दोनों परिवारों के बीच 40 साल पूराने संबंध

चौटाला और धनखड़ परिवार के बीच 40 सालों से भी अधिक पूराने संबंध है। इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी और अभय के दादा और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवीलाल चौटाला ने ही धनखड़ को राजनीति की पहली सीढ़ी पर चढ़ाया था और एक नेता के रूप में उन्हें पहचान दी थी। तभी से धनखड़ भी देवीलाल को अपना गुरू मानते है दोनों परिवारों मे मजबूत रिश्तें बने हुए है। धनखड़ ने अपना पहला चुनाव भी देवीलाल के नेतृत्व में ही लड़ा था। वह 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू लोकसभा सीट से पहली बार जनता दल की सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके बाद जनता दल की सरकार में जब देवी लाल उप-प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने धनखड़ को केंद्रीय राज्य मंत्री (संसदीय कार्य) का पद सौंपा था।