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कर्नाटक में जातिवार जनगणना की धीमी प्रगति पर सीएम सिद्धरामय्या ने जताई नाराजगी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जातिवार जनगणना की धीमी प्रगति को लेकर राज्य के अधिकारियों को फटकार लगाई है। सिद्धारमैया ने यह स्पष्ट कर दिया कि सर्वेक्षण की समय सीमा 7 अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

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भारत

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Himadri Joshi

Sep 27, 2025

Karnataka CM Siddaramaiah

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (फोटो- एएनआई)

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने राज्य में चल रहे दूसरे सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण (जातिवार जनगणना) की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताई है। जिलाधिकारियों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक में सीएम ने यह बात कही है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सर्वेक्षण की समय सीमा 7 अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि, शुरुआती तकनीकी खामियां अब दूर कर ली गई हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए कम से कम 10% की दैनिक प्रगति दर हासिल करनी होगी।

राज्य में 22 सितंबर से यह सर्वेक्षण शुरू

वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 22 सितंबर से यह सर्वेक्षण शुरू किया है। हालांकि, राजधानी बेंगलूरु में सर्वेक्षण का कार्य शुक्रवार को शुरू हुआ। यह दूसरा बड़ा सर्वेक्षण है। 2015 में सिद्धरामय्या के ही नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पहला सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट और उस पर आधारित 2024 में पेश सिफारिशों को मौजूदा सरकार ने कुछ महीने पहले रद्द कर दिया। नया सर्वेक्षण कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की देखरेख में दो हफ्तों के भीतर पूरा किया जाना है। इस बार 1.43 करोड़ परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अब तक केवल 2.76 लाख परिवारों (करीब 2%) का ही सर्वेक्षण हो सका है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दी सशर्त अनुमति

एक दिन पहले ही शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सशर्त सर्वेक्षण जारी रखने की अनुमति दी थी। हालांकि कोर्ट ने सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण में भाग लेने को स्वैच्छिक कर दिया है। इस सिद्धारमैया सरकार के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्नाटक पिछड़ा वर्ग आयोग को एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया जिसमें कहा गया हो कि इसमें भागीदारी स्वैच्छिक है और कोई भी व्यक्ति जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है।