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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के लिए लिया ऐतिहासिक फैसला, मासिक धर्म अवकाश को दी मंजूरी

Menstrual Leave Policy: कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी है कि अब से उन्हें मासिक धर्म अवकाश मिलेगा।

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भारत

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MI Zahir

Oct 09, 2025

Menstrual Leave Policy

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया। (फोटो: IANS)

Menstrual Leave Policy: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार (Karnataka Government) ने महिलाओं के लिए एक बड़ा और प्रगतिशील कदम उठाया है। गुरुवार को राज्य सरकार ने सभी कामकाजी महिलाओं को हर साल 12 दिन का पेड मासिक धर्म अवकाश(Paid Period Leave) देने का फैसला किया है। यह नीति सरकारी कार्यालयों, निजी कंपनियों, कारखानों, आईटी फर्मों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में लागू होगी। बेंगलुरु के विधान सौध में हुई कैबिनेट बैठक के बाद विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने मासिक धर्म अवकाश( (Menstrual Leave Policy) की घोषणा की। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। पाटिल ने बताया कि यह नीति महिलाओं के स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर उनकी सुविधा को ध्यान में रख कर बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में इस तरह की नीति पहले से सफल रही है, जिसके आधार पर कर्नाटक ने यह कदम उठाया।

सालाना छह दिन की छुट्टी की सिफारिश की गई थी

श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से इस नीति पर काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि महिलाएँ घर और बच्चों की जिम्मेदारियों के साथ-साथ मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एक समिति बनाई गई थी, जिसने सालाना छह दिन की छुट्टी की सिफारिश की थी। लेकिन सरकार ने इसे बढ़ा कर 12 दिन कर दिया। लाड ने कहा, "हम चाहते हैं कि यह नीति सभी क्षेत्रों में लागू हो, चाहे वह सरकारी हो या निजी।"

कर्नाटक सरकार का यह कदम कदम अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल

यह नीति कर्नाटक में कामकाजी महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत है। यह न केवल उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, बल्कि कार्यस्थल पर लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देती है। कर्नाटक सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

पुराने पुलों के नवीनीकरण और पुनर्निर्माण को भी सैद्धांतिक मंजूरी

इसके अलावा, कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उर्वरक भंडारण के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। साथ ही, 2,000 करोड़ रुपये की लागत से पुराने पुलों के नवीनीकरण और पुनर्निर्माण को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। कर्नाटक भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए 405.55 करोड़ रुपये की लागत से 11 आवासीय विद्यालय खोलने का भी फैसला हुआ।

इस अवकाश नीति से महिलाओं को राहत मिलेगी

बहरहाल कर्नाटक सरकार की यह मासिक धर्म अवकाश नीति न केवल महिलाओं के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि समाज में उनके प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ाएगी। कर्नाटक सरकार का यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ( IANS)