Resolution Against UCC: मंगलवार को केरल विधानसभा से समान नागरिक संहिता के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। सीएम पिनराई विजयन द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया। इस तरह यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है।
Resolution Against UCC: समान नागरिक संहिता (UCC) पर बीते कुछ दिनों से देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। केंद्र सरकार ने इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे थे, जिसपर लाखों लागों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी थी। लेकिन सरकार द्वारा यूसीसी को लेकर शुरू की गई सक्रियता के बाद विपक्षी दलों ने कई सवाल भी उठाए। कई पार्टियों ने इसे भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि और मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता को छिनने वाला कदम बताया। अभी इस मुद्दे पर बहस जारी है। इस बीच मंगलवार को केरल विधानसभा ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसी के साथ केरल यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य बना गया है। केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से मांग की कि केंद्र सरकार देश की पूरी आबादी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर कोई भी कदम उठाने से बचे।
केंद्र सरकार बिना बहस के एकतरफा कदम बढ़ा रही
प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार बिना किसी वैचारिक बहस में शामिल हुए या सर्वसम्मति की तलाश किए इस एकतरफा कदम के साथ आगे बढ़ी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि इससे आबादी के विभिन्न वर्गों में चिंता पैदा हो रही है। यह चिंता केरल विधानसभा द्वारा साझा की गई है। यह रेखांकित करता है कि एकल नागरिक संहिता एक विभाजनकारी कदम है जो लोगों की एकता को खतरे में डालता है और राष्ट्र की एकजुटता के लिए हानिकारक है।
सीएए के खिलाफ भी केरल ने ही सबसे पहले पास किया था प्रस्ताव
इससे पहले केरल विधानसभा 31 दिसंबर 2021 को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को रद्द करने की मांग का प्रस्ताव पारित करने वाली पहली राज्य विधानसभा बन गई थी। केरल द्वारा यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने का क्या असर होगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन सरकार के इस कदम से यूसीसी को लेकर जारी सियासी सरगर्मी और तेज हो गई है।
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