29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दही हांडी उत्सव में बड़ा हादसा, दो की मौत, 200 से ज्यादा घायल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाराष्ट्र में आयोजित पारंपरिक दही हांडी उत्सव के दौरान दो लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल हो गए।

2 min read
Google source verification

Dahi Handi (Image: IANS)

देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त 2025 को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मथुरा और वृंदावन से लेकर देश के हर कोने में मंदिरों को फूलों, रोशनी और रंगों से भव्य रूप से सजाया गया। रात 12 बजे मंदिरों में श्रीकृष्ण की भव्य आरती और भक्ति भजनों के साथ उनका जन्मोत्सव उत्साहपूर्वक मनाया गया। भक्तों ने भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करते हुए माखन-मिश्री का भोग लगाया और प्रार्थनाओं में डूब गए।

दो की मौत 200 से ज्यादा घायल

हालांकि, महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के दौरान आयोजित होने वाले पारंपरिक दही हांडी उत्सव की चमक इस बार हादसों के कारण फीकी पड़ गई। अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत और 200 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर ने उत्सव के जोश को मातम में बदल दिया।

हांडी बांधते समय हुए हादसा

मुंबई के मानखुर्द इलाके में दही हांडी बांधते समय 25 वर्षीय जगमोहन शिवकिरण चौधरी की दर्दनाक मौत हो गई। वह पहली मंजिल से गिर गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक अन्य दुखद घटना में 14 वर्षीय एक किशोर की भी जान चली गई।

अस्पताल से 210 लोगों के घायल होने की सूचना

बीएमसी और सरकारी अस्पतालों के अनुसार, शनिवार रात 12:30 बजे तक 210 लोगों के घायल होने की सूचना मिली। इनमें से 68 का इलाज जारी है, जबकि 142 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। सेंट्रल मुंबई के अस्पतालों में 91 घायल दर्ज किए गए, जिनमें से 60 का इलाज चल रहा है और 31 को डिस्चार्ज किया गया। पूर्वी उपनगरों में 45 और पश्चिमी उपनगरों में 74 लोग घायल हुए। डॉक्टरों की देखरेख में सभी घायलों का इलाज जारी है, और उम्मीद है कि रविवार या सोमवार तक अधिकांश गोविंदाओं को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से प्रेरित

दही हांडी का यह उत्सव भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से प्रेरित है, जिसमें वह अपने दोस्तों के साथ माखन चुराने की शरारत करते थे। इसी कारण उन्हें 'माखन चोर' भी कहा जाता है। मुंबई में हर साल इस अवसर पर गोविंदाओं की टोलियां हांडी तोड़ने की प्रतियोगिता में हिस्सा लेती हैं, जिसमें ऊंचाई पर लटकी मटकी को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाए जाते हैं। यह उत्सव भक्ति और जोश का प्रतीक है, लेकिन इस बार हादसों ने इसकी खुशी को ग्रहण लगा दिया।