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भाजपा और कांग्रेस को झेलनी पड़ रही है अपनों की नाराजगी, गुटबाजी भी चरम पर, जानिए हरियाणा की 10 हॉट सीटों का समीकरण

Lok Sabha Elections 2024 : जितनी तल्खी सूरज दिखा रहा है, उतनी ही तल्ख जाटलैंड हरियाणा की सियासत है। भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दल अपने नेताओं की गुटबाजी और नाराजगी का सामना कर रहे हैं। पढ़िए शादाब अहमद की विशेष रिपोर्ट …

नई दिल्लीMay 23, 2024 / 12:27 pm

Shaitan Prajapat

Lok Sabha Elections 2024 : जितनी तल्खी सूरज दिखा रहा है, उतनी ही तल्ख जाटलैंड हरियाणा की सियासत है। भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दल अपने नेताओं की गुटबाजी और नाराजगी का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट बदलने और कई सांसदों के टिकट कटने के बाद से भाजपा में उपजी नाराजगी चुनाव में दिखने लगी है। कई नेता प्रचार से नदारद हो गए हैं। वहीं कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा, किरण चौधरी के बीच विवाद जगजाहिर है। इन हालात के बीच भाजपा को 2019 जैसा प्रदर्शन करते हुए सभी दस सीटों को जीतने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। वहीं कांग्रेस वापसी की कोशिश में जुटी हुई है। जेजेपी, इनेलो जैसे दल भी दम लगा रहे हैं। भाजपा पूरी तरह से विकास के साथ अपने हिन्दुत्व के एजेंडे पर दिखाई दे रही है। जबकि कांग्रेस न्याय संकल्प के साथ किसान आंदोलन, पहलवानों से बदसलूकी जैसे मामले, हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर को सीएम पद से हटाने जैसे मुद्दे उठा रही है।

1. अंबाला:

भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री दिवंगत रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को चुनाव में उतारा है। कांग्रेस ने विधायक वरुण मुलाना को टिकट दिया है। इस सीट से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भाजपा सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सैनी के साथ कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर, राज्यमंत्री असीम गोयल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के विधानसभा क्षेत्र भी इसी सीट में आते हैं।

2. कुरुक्षेत्र:

चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नवीन जिंदल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। 2019 में इस सीट से भाजपा के नायब सिंह सैनी ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था। सैनी के सीएम बनने से जिंदल को यहां टिकट दिया गया है। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने यह सीट आम आदमी पार्टी को दी है। ‘आप’ के उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता है। इसके अलावा इनेलो नेता अभय चौटाला के चुनाव में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है। कांग्रेस और आप मिलकर मजबूती से प्रचार में जुटे हुए हैं।

3. करनाल:

2019 में 6 लाख 56 हजार मतों से चुनाव जीतने वाले संजय भाटिया का इस बार भाजपा ने टिकट काट दिया। उनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को मैदान में उतारा है। खट्टर जैसे बड़े चेहरे के सामने मुकाबले में आने के लिए दिव्यांशु को पसीना बहाना पड़ रहा है।

4. सोनीपत:

भाजपा ने 2019 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा को धूल चटाने वाले सांसद रमेश चंद कौशिक का टिकट काट दिया है। उनकी जगह विधायक मोहनलाल बड़ौली चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने संत के तौर पर पहचान रखने वाले सतपाल ब्रह्मचारी को उतार कर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

5. रोहतक:

यहां से सांसद अरविंद शर्मा को भाजपा ने तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने टिकट दिया है। 2019 में अरविंद शर्मा ने दीपेंद्र हुड्डा को महज साढ़े सात हजार वोट से हराया था। एक बार फिर दोनों नेताओं में दिलचस्प मुकाबला है। हुड्डा परिवार की प्रतिष्ठा इस सीट से जुड़ी हुई है।

6. फरीदाबाद:

भाजपा से एक बार फिर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर मैदान में हैं। कांग्रेस ने गुर्जर समाज के बड़े नेता चौधरी महेंद्र प्रताप को उम्मीदवार बनाया है। गुर्जर बाहुल्य इस क्षेत्र में कृष्ण पाल दस साल से सांसद हैं। ऐसे में उनके खिलाफ नाराजगी की बातें भी सामने आ रही हैं।

7. गुरुग्राम:

भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह लगातार चौथी बार उम्मीदवार बनाए गए हैं। राव की इस क्षेत्र में खासी पकड़ मानी जाती है। यही वजह है कि कांग्रेस ने सिने अभिनेता राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। राज बब्बर की बयानबाजी की वजह से यह सीट भी चर्चा में बनी हुई है।

8. भिवानी-महेन्द्रगढ़:

भाजपा ने एक बार फिर सांसद धर्मबीर सिंह को चुनाव में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने उनके सामने विधायक राव दान सिंह को मैदान में उतार कर मुकाबला कड़ा बनाने की कोशिश की है। धर्मबीर सिंह दस साल से लगातार सांसद हैं। ऐसे में दान सिंह के नए चेहरे के साथ कांग्रेस बदलाव की बात कर रही है।

9. सिरसा:

यहां से भाजपा ने सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर अशोक तंवर को उम्मीवार बनाया है। दुग्गल ने 2019 के चुनाव में तंवर को तीन लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था, तब तंवर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। तंवर पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद को छोड़कर, आप में गए और फिर भाजपा में। कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को चुनाव में उतारकर तंवर की राह मुश्किल कर दी है। इस सीट पर तंवर की दलबदलू नेता की छवि मुद्दा बन गया है।

10. हिसार:

सांसद चौधरी बृजेन्द्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा ने हरियाणा सरकार में मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर रणजीत चौटाला के परिवार की नैना सिंह चौटाला के जेजेपी और सुनैना चौटाला के इनेलो से चुनाव मैदान में आने से मुकाबला कड़ा हो गया है।

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