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Internet Shutdown In Rajasthan : इंटरनेट बंद होने से बाजार को हुआ 800 करोड़ रुपये का नुकसान

- प्लास्टिक मनी रखने वाले 'फेल', नेटबंदी में जिनके पास नगद वे ही 'पास'- बाजार को पिछली तीन प्रवेश परीक्षाओं में नेटबंदी से 800 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है ।

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Internet Shutdown In Rajasthan : इंटरनेट बंद होने से बाजार को हुआ 800 करोड़ रुपये का नुकसान

Internet Shutdown In Rajasthan : इंटरनेट बंद होने से बाजार को हुआ 800 करोड़ रुपये का नुकसान

परीक्षा नकल विहीन कराने के लिए राज्य सरकार ने नेटबंद कर दिया। इस फैसले से नकल भले ही नहीं रुकी, लेकिन राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा। नेटबंदी के कारण करोड़ों रुपए का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्रभावित हुआ। अभी त्योहारी सीजन चल रहा है। ऐसे में नेटबंदी से न सिर्फ व्यापारी, बल्कि वे ग्राहक भी परेशान हैं, जो पूरी तरह से च्प्लास्टिक मनीज् पर निर्भर हैं। नेटबंदी से राजधानी में एक दिन में 50 से 60 करोड़ का व्यापार ठप हो जाता है। राज्य भर में यह आंकड़ा बढ़कर 125 करोड़ के पार चला जाता है। पिछली तीन प्रवेश परीक्षाओं में नेटबंदी के कारण बाजार को 800 करोड़ रुपए से अधिक का फटका लगा है।

त्योहारी सीजन में ग्राहक परेशान: अभी त्योहार पर ग्राहक खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, नेटबंदी से परेशानी उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन ट्रांजक्शन नहीं कर पाए। ऐसे में एटीएम में जाकर पैसे निकालने पड़े।

- 70 प्रतिशत स्वैप मशीनों में अभी नहीं होता है वाईफाई का उपयोग, ऐसे में नेटबंदी के दौरान डब्बा हो जाती हैं ये मशीनें
- 10 प्रतिशत दुकानदार ऐसे भी जिनके पास वाईफाई स्वैप मशीन तो है, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन नहीं है।
- ऑनलाइन फूड कारोबार से 20 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं।
- राजधानी जयपुर में 18 हजार से अधिक कैब संचालक हैं।

न खाना बुक हुआ, न ही मिली कैब-
नेटबंदी से न सिर्फ बाजार प्रभावित हुआ है, बल्कि लोगों को खाना नहीं मिला और जरूरत के समय कैब ही बुक नहीं हो पाई। ऐसे में लोग ऑटो से ही रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर पहुंचे। नेटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित ऑनलाइन फूड कारोबार और कैब ही रही।
तीन प्रवेश परीक्षाओं के दौरान नेटबंदी से अकेले कैब संचालकों को 5.40 करोड़ रुपए और फूड कारोबार को 3.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
आजकल लोग नकदी कम रखते हैं। प्लास्टिक पर ज्यादा भरोसा करते हैं। नगद पैसे न होने से खरीदारी कम करके वापस चले गए।
चाय से लेकर सब्जी वाले और परचून से लेकर फूलवालों की बात करें तो अधिकतर लोग ऑनलाइन ट्रांजक्शन करते हैं। लेकिन, इन सभी की बिक्री प्रभावित होती है।

जनता-व्यापारियों को भी देखे सरकार-
नकल रोकने के लिए नेटबंदी विकल्प नहीं हो सकता। कैब बुकिंग के साथ डिजिटली भुगतान ठप हो गया। जनता और व्यापारियों की परेशानी भी सरकार को देखनी चाहिए और उसके बाद ही नेटबंदी का फैसला करना चाहिए।
ललित सिंह सांचौरा, (अध्यक्ष, जयपुर व्यापार मंडल)

एक्सपर्ट व्यू -
ऑनलाइन विद्यार्थी घर बैठे विदेश में पढ़ सकता है। बार-बार नेट बंदी से पढ़ाई प्रभावित होगी। यह नकल रोकने का कोई तरीका भी नहीं है। नकल रोकने का कोई दूसरा विकल्प तलाशना चाहिए।
प्रो. नवीन माथुर, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, राजस्थान विवि

अघोषित अवकाश-
बार-बार नेटबंदी से ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई विवि व कॉलेज अभी भी ऑनलाइन ही पढ़ा रहे हैं। ऐसे में हजारों विद्यार्थी बुधवार को हुई अचानक नेटबंदी के कारण अपनी कक्षाएं नहीं ले पाएं। यों कहे कि एक दिन का अघोषित अवकाश हो गया।