
SSC परीक्षाएं क्यों बन रही युवाओं के सपनों पर संकट (X)
देश में इंस्पेक्टर लेवल की केंद्रीय सेवाओं में भर्ती का लाखों युवाओं का सपना परीक्षा आयोजक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) और उसकी ठेकेदार कंपनी कुचल रही है? हाल ही एसएससी की फेज-13 परीक्षा में हुआ कुप्रबंधन यही साबित कर रहा है कि परीक्षा लेने वाली ठेकेदार कंपनी एडुक्विटी ने 11 लाख अभ्यर्थियों के सपनों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दिलचस्प बात यह है कि कई परीक्षा आयोजनों में विवाद में आने के बावजूद इसे एसएससी से ठेका मिल गया।
फेज-13 की भर्ती परीक्षा देने वाले लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत, पढ़ाई और उम्मीदों को सर्वर क्रैश, हार्डवेयर फेलियर और गलत सेंटर आवंटन का दंश झेलना पड़ा। सिस्टम की नाकामी के कारण करीब 55000 परीक्षार्थियों को दुबारा परीक्षा देनी होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरा सिस्टम अब नौकरियों का नहीं, लीपापोती का खेल बन गया है। हम तो स्थायी सरकारी नौकरी पाने के लिए नोट्स, मॉक टेस्ट और कोचिंग की गहमागहमी में लगे थे। हमने नहीं सेचा था कि असली जंग पढ़ाई से नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी से लड़ी जाएगी।
देशभर के छात्र, शिक्षक व अभिभावक अब दिल्ली में आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। फेज-13 की परीक्षा का कुप्रबंधन सामने आने के बाद इनकम टैक्स, जीएसटी और सीबीआइ इंस्पेक्टर स्तर तक की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) की परीक्षाएं स्थगित कर सितंबर तक टाल दी गई है। सवाल उठ रहा है कि करीब 20 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य तय करने वाली यह परीक्षा कैसे सफल होगी?
केस स्टडी 1: सेंटर बदला, सपना टूटा
लखनऊ की मीना फेज-13 परीक्षा के लिए महीनों से तैयारी कर रही थीं। उनके एडमिट कार्ड पर सेंटर कोड 350810 (लखनऊ) था। परीक्षा से ठीक पहले बिना स्पष्ट सूचना के सेंटर बदलकर 350815 (लखनऊ में ही) कर दिया गया। मीना पुराने सेंटर पर पहुंचीं, लेकिन परीक्षा शुरू हो चुकी थी। वह परीक्षा नहीं दे पाई।
केस स्टडी 2: 520 किलोमीटर की मजबूरी
पश्चिम बंगाल की फिरदौस खातून ने संयुक्त हिंदी ट्रांसलेटर एग्जाम के लिए तीन नजदीकी शहर कल्याणी, कोलकाता, बर्धमान चुने थे। उसका एडमिट कार्ड आया तो सेंटर सिलीगुड़ी मिला। यह उसके घर से 520 किमी दूर था। यह केवल असुविधा नहीं, बल्कि एक जबरन थोप दी गई सजा है।
एडुक्विटी कंपनी का परीक्षा आयोजन इतिहास विवादित रहा है, यूपीएससी (UPSC) ने इसे अयोग्य घोषित किया लेकिन एसएससी ने इसे बड़ी परीक्षाओं का ठेका दे दिया। अभ्यर्थी इस 'मेहरबानी' पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रश्न: परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी दिक्कतों पर क्या कहेंगे?
उत्तर: फेज-13 परीक्षा में 11.50 लाख आवेदकों में से लगभग 5.50 लाख ने परीक्षा दी। इनमें से करीब 55,000 अभ्यर्थियों को दिक्कत हुई। इनकी हम पुन: परीक्षा कराएंगे।
प्रश्न: एडुक्विटी पहले कई परीक्षाओं में अयोग्य घोषित हुई है, गंभीर आरोप भी लगे हैं। फिर चयन क्यों?
उत्तर: बिड प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष होती है। एडुक्विटी ने सबसे कम लागत दी थी, हालांकि केवल कीमत ही एकमात्र मानक नहीं था।
प्रश्न: आरोप है कि कंपनी को टेंडर प्रक्रिया में फेवर किया गया।
उत्तर: यह आरोप पूरी तरह निराधार है।
प्रश्न: 20 लाख अभ्यर्थियों की सीजीएल परीक्षा कैसे होगी?
उत्तर: हम कंपनी को मौका दे रहे हैं। दिक्कतें बनी रहीं तो उसे बाहर कर देंगे।
प्रश्न: अभ्यर्थियों का आरोप है कि पेपर एआइ से सेट हो रहे हैं।
उत्तर: नहीं, पेपर लीक रोकने के लिए हमने फुलप्रूफ सिस्टम बनाया है। पेपर परीक्षा शुरू होने से केवल 5 मिनट पहले सिस्टम पर अपलोड होता है। अभी तक एक भी पेपर लीक की शिकायत नहीं मिली है।
प्रश्न: क्या आप कंपनीऔर आयोग की गलती मानते हैं?
उत्तर: हां, कुछ कमियां हैं, मैं इससे इनकार नहीं करता। एसएससी बदलाव के दौर से गुजर रहा है और लंबे समय में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
( इन परीक्षाओं में करीब1.25 करोड़ अभ्यर्थी भाग लेते हैं।)
Published on:
18 Aug 2025 11:16 am
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