scriptनिर्भया कांड: देश का सबसे जघन्य मामला, जानें अब तक का पूरा घटनाक्रम.. | Nirbhaya Gang Rape Case: Know the Detailed Story of Cruelity in Delhi | Patrika News

निर्भया कांड: देश का सबसे जघन्य मामला, जानें अब तक का पूरा घटनाक्रम..

Published: May 05, 2017 03:52:00 pm

लगभग एक साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले 27 मार्च को चारों दोषियों के खिलाफ अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसपर पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फांसी की सजा पर अंतिम मुहर लगा दी। मामले में पांचवां नाबालिग आरोपी 21 दिसंबर 2012 को आनंद विहार बस अड्डे से पकड़ा गया था।

Nirbhaya Gang Rape

Nirbhaya Gang Rape

उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के निर्भया सामूहिक बलात्कार के मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है। जब फैसला सुनया जा रहा था तो उश समय कोर्ट में निर्भया के माता-पिता भी वहां मौजूद थे। कोर्ट ने निर्भया के साथ हुई बर्बर घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जघन्य अपराध था और इसे विरलों में विरलतम (रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर) की श्रेणी में रखा जाना उचित है। तो वहीं इस फैसले का स्वागत करते हुए लोगों ने कोर्ट परिसर में तालियां भी बजाई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई काफी तेजी से की गई। लगभग एक साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले 27 मार्च को चारों दोषियों के खिलाफ अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसपर पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फांसी की सजा पर अंतिम मुहर लगा दी। 
एक नजर पूरी घटना पर.. 

दिल्ली साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल से मूवी देखने के बाद 23 साल की फीजियोथेरेपिस्ट छात्र अपने दोस्त के साथ मुनिरका पहुंची थी। जहां से वह घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। तभी एक सफेद रंग की बस आई जिसमें निर्भया और उसका दोस्त सवार हो गए। जिसके बाद सभी आरोपियों द्वारा चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया। और उसके बाद सबूत मिटाने के इरादे से उन्हें बस से बाहर किसी सूनसान सड़क पर फेंक दिया था। 
इस घटना के बाद 17 दिसंबर 2012 को चारों आरोपियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता की शिनाख़्त के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। इस मामले में पांचवां नाबालिग आरोपी 21 दिसंबर 2012 को आनंद विहार बस अड्डे से पकड़ा गया। फिर छठवां आरोपी अक्षय ठाकुर औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया। 
दिल्ली के एम्स में निर्भया का इजाल चल रहा था। और 26 दिसंबर 2012 को निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया। जहां 29 दिसंबर 2012 को निर्भया ने सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। इसके बाद 3 जनवरी 2013 को फास्ट ट्रैक कोर्ट में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई। फिर सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी। 
तो वहीं इस मामले का नाबालिक आरोपी पर सजा तय होने के बाद उसे सुधार गृह भेजा गया। जिसके बाद दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक अदालत ने साल 2013 के 13 सितंबर फांसी की सजा सुनाई थी।
फिर इन चारों आरोपियों ने दिल्ली हाइकोर्ट में की अपील की। जिसके बाद 13 मार्च 2014 को हाइकोर्ट ने मौत की सजा को बरकरार रखा। लेकिन दोषियों की ओर से दायर अपील पर उच्चतम न्यायालय ने उनकी फांसी पर रोक लगाकर मामले को तीन जजों की बेंच के पास भेजा गया। जहां सुप्रीम कोर्ट ने केस की गंभीरता को देखते हुए इसके लिए दो एमिक्‍स क्यूरी नियुक्त किए थे। 
ध्यान हो कि इस मामले का नाबालिक आरोपी 20 दिसंबर 2015 को तीन साल की सजा पूरी कर चुका है। तो वहीं 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद शुक्रवार को उनकी सजा बरकरार रखी गई।
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